मुख्यमंत्री ने ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति के अनुरूप कोविड-19 से बचाव के दिए निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति के अनुरूप कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से जारी रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम के संबंध में पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरती जाए। मुख्यमंत्री आज वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि वर्षा काल में इंसेफलाइटिस सहित विभिन्न संक्रामक बीमारियों यथा, डेंगू, मलेरिया,  चिकनगुनिया आदि का प्रकोप विभिन्न जनपदों में बढ़ता है। बरसात का मौसम प्रारंभ हो रहा है। इसके दृष्टिगत संक्रामक रोगों की प्रभावी रोकथाम के लिए कार्य योजना बनाकर पूरी तैयारी कर ली जाए। बरसात में होने वाली संक्रामक बीमारियों पर नियंत्रण के लिए व्यापक पैमाने पर स्वच्छता, सैनिटाइजेशन एवं फॉगिंग की कार्यवाही लगातार जारी रहे। साथ ही, स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था भी बनी रहे। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शीघ्र ही उनके स्तर पर समीक्षा की जाएगी।

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 524 नये मामले प्रकाश में आए हैं। इसी अवधि में 1,757 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 10,000 से भी कम हो गई है। वर्तमान में राज्य में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 9,806 है। कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर भी बढ़कर 98.1 प्रतिशत हो गई है। राज्य में पिछले 24 घण्टों में 2,74,811 कोविड टेस्ट किये गये हैं। इनमें कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी दर 0.2 प्रतिशत रही है।

राज्य में अब तक कुल 05 करोड़, 30 लाख, 55 हजार, 495 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें पॉजिटिविटी दर 3.21 प्रतिशत रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में भी वृद्धि की गई है। वर्तमान में संक्रमण के प्रत्येक मामले में औसतन 19 कॉन्टैक्ट की ट्रेसिंग की जा रही है। उनको अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार कोरोना संक्रमण को नियंत्रित रखने के लिए निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग के साथ ही, लक्षण युक्त तथा संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जा रही है।

बच्चों में वायरल बुखार आदि के उपचार के लिए मेडिसिन किट तैयार की जा रही है। यह किट निगरानी समितियों को उपलब्ध करा कर 15 जून, 2021 से इसका वितरण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि ब्लैक फंगस के मरीजों के उपचार के लिए भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले इंजेक्शन्स यथाशीघ्र मरीजों को उपलब्ध करा दिए जाने चाहिए। आवश्यकतानुसार इन इंजेक्शन्स की डिमांड भी समय से भारत सरकार को प्रेषित कर दी जाए। इस संबंध में कोई शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार हेतु विशेषज्ञों द्वारा संस्तुत वैकल्पिक दवाएं भी मरीज को उपलब्ध रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के सुदृढ़ीकरण कार्य को गुणवत्तापरक ढंग से निर्धारित समयसीमा में पूर्ण कराया जाए। इसके लिए कार्य की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि स्वास्थ्य केंद्रों के सुदृढ़ीकरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है। सभी सी0एच0सी0 एवं पी0एच0सी0 पर चिकित्सकों की तैनाती की गई है। पर्याप्त संख्या में एम0बी0बी0एस0 डॉक्टर उपलब्ध न होने के कारण कुछ स्वास्थ्य केंद्रों पर आवश्यकतानुसार आयुष के चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों तथा हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स के सुदृढ़ीकरण तथा चिकित्सकों, पैरामेडिकल एवं अन्य स्टाफ की तैनाती का विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ए0एल0एस0, ‘108’ व ‘102’ एंबुलेंस सेवाएं सुचारु एवं निर्बाध ढंग से संचालित रहें। राज्य में कोविड-19 के उपचार की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के क्रम में विगत दो दिवस के दौरान प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों तथा अस्पतालों में 150 कोविड बेड की बढ़ोत्तरी हुई है। इसमें आइसोलेशन बेड एवं आई0सी0यू0 बेड दोनों शामिल हैं। कोविड बेड की संख्या में वृद्धि के साथ ही, मानव संसाधन में भी लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है।

पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 (पीकू) तथा नियोनेटल आई0सी0यू0 (नीकू) के निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। इसकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। राज्य में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है। संक्रमण में कमी के साथ ही, ऑक्सीजन की डिमांड भी लगातार कम हो रही है। सभी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों तथा रीफिलर्स के पास पर्याप्त बैकअप के साथ ऑक्सीजन उपलब्ध है। राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की कार्यवाही तेजी से चल रही है। प्रदेश में क्रियाशील, निर्माणाधीन एवं  अनुमन्य कुल 427 ऑक्सीजन संयंत्रों में से 80 से अधिक ऑक्सीजन संयंत्र कार्यशील हैं।

इस माह जून में एक करोड़ कोरोना वैक्सीन के डोज एडमिनिस्टर किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। वर्तमान में कोरोना वैक्सीनेशन की गति को देखते हुए इस माह में एक करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लोगों को दी जा सकती हैं।आगामी महीनों में कोरोना वैक्सीनेशन की गति को दो से तीन गुना बढ़ा कर प्रतिदिन 10 लाख डोज से अधिक किए जाने की जरूरत है। इसके दृष्टिगत बड़े पैमाने पर कोविड वैक्सीनेशन की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए पहले से योजनाबद्ध ढंग से तैयारी कर ली जाए। इसके लिए पर्याप्त संख्या में वैक्सीनेशन सेंटर की स्थापना के साथ ही, वैक्सीनेटर्स का प्रशिक्षण भी सुनिश्चित किया जाए।

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