संसदीय समिति से सरकार ने कहा- अगस्त से दिसंबर के बीच 135 करोड़ वैक्सीन डोज होगी उपलब्ध

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने इस साल के अंत तक सभी वयस्क जनसंख्या को कोरोना टीका लगवाने का लक्ष्य रखा है. हालांकि सरकार के इस ऐलान की सफलता को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल सवाल खड़ा कर रहे हैं. उनकी आशंका वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर है जिसकी आपूर्ति फ़िलहाल मांग के हिसाब से नाकाफ़ी बताई जा रही है.

सबको वैक्सीन देने के लक्ष्य के रोड मैप के बारे में सरकार ने संसद की स्थायी समिति को बताया है. गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की सोमवार की हुई एक बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और अन्य अधिकारियों ने इसका पूरा ब्यौरा देते हुए एक प्रेजेंटेशन दिया. उनके मुताबिक़ अगस्त महीने से देशभर में वैक्सीन की आपूर्ति जबर्दश्त तेज़ी आएगी. अधिकारियों के मुताबिक़ अगस्त से दिसम्बर के बीच में क़रीब 135 करोड़ वैक्सीन डोज़ की आपूर्ति होगी जो हर वयस्क को टीका लगाने के लिए काफ़ी है.

सबसे बड़ी बात ये है कि इनमें फाइजर ,मोडरना या जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कम्पनियों की वैक्सीन शामिल नहीं हैं जिनके भारत में उपलब्धता को लेकर अभी स्थिति साफ़ नहीं है. जिन कम्पनियों के वैक्सीन उपलब्ध होने की संभावना है उनमे कोविशिल्ड की 50 करोड़ खुराक , कोवैक्सिन की 40 करोड़ खुराक, बायो ई के कोवेवैक्स की 30 करोड़ ख़ुराक, स्पुतनिक वी की 10 करोड़ ख़ुराक और जायडस कैडिला के जायकोव डी की 5 करोड़ ख़ुराक शामिल है.

अबतक देश के 33 करोड़ से ज़्यादा लोगों को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक ख़ुराक दी जा चुकी है. इनमें क़रीब 5.60 करोड़ वो लोग हैं जिन्हें दोनों ख़ुराक दी जा चुकी है. 21 जून को वैक्सीन कार्यक्रम की नई नीति शुरू होने के बाद से टीकाकरण अभियान में औसतन क़रीब 100 फ़ीसदी की बढोत्तरी दर्ज़ की गई है. समिति की बैठक में जब सदस्यों ने मौजूद अधिकारियों से कोरोना वायरस के अलग अलग वेरियंट्स पर इन वैक्सिनों के असर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सभी वैक्सीन इन वेरियंट्स के ख़िलाफ़ कमोबेश असरदार हैं.

अधिकारियों ने जानकारी दी कि दूसरी लहर में मामले ज़रूर घट रहे हैं लेकिन अभी पूरी तरह ख़त्म नहीं हुए हैं. लिहाज़ा सावधानी बनाए रखने की ज़रूरत है. उन्होंने तीसरी लहर के संभावित समय बताने में असमर्थता ज़ाहिर करते हुए कहा कि सरकार तीसरी लहर से निपटने की हर सम्भव तैयारी कर रही है. अधिकारियों ने ये ज़रूर बताया कि डेल्टा प्लस , जिसे ‘वायरस ऑफ कन्सर्न ‘ बताया जा रहा है, के मामलों में बढोत्तरी दर्ज़ की जा रही है.

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