नेहा पेंडसे और सिद्धार्थ मेनन की ‘June’ ने लॉन्च होते ही मचाया धमाल, हो रही है खूब सराहना

देश का पहला मराठी ओटीट प्लेटफॉर्म 30 जून को लॉन्च हुआ. इस मराठी ओटीटी प्लेटफॉर्म का नाम ‘प्लेनेट मराठी’ है. इस ओटीटी प्लटेफॉर्म पर रिलीज होनो वाली पहली फिल्म ‘जून’ है. ‘जून’ ने रिलीज होते ही धमाल मचा दिया है. फिल्म क्रिटिकली काफी सराहा जा रहा है. आईएमडीबी पर इसे 9 रेटिंग दी गई है.

‘जून’ में ‘भाबीजी घर पर हैं!’ फेम नेहा पेंडसे और सिद्धार्थ मेनन लीड रोल में हैं. दोनों की अदाकारी को काफी सराहा जा रहा है. इनके साथ ही फिल्म को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है . ‘जून’ दो आत्माओं की भावनात्मक रूप से बदलने वाली जर्नी है जो एक-दूसरे में एकांत तलाशती हैं. फिल्म सच्चे इमोशन्स के प्रदर्शन से दर्शकों को छूने में सफल रही.

फिल्म हिलिंग के बारे में एक गहरा और सुंदर संदेश बताती है. फिल्म की कहानी को आकार देने में किरण कर्माकर, रेशम श्रीवर्धन, जितेंद्र जोशी और नीलेश दिवेकर की अहम भूमिका है. सुहरुद गोडबोले के डेब्यू निर्देशन ने वैभव खिस्टी के साथ निश्चित रूप से मराठी फिल्म निर्माताओं के लिए एक उदाहरण सेट किया है. फिल्म की कहानी निखिल महाजन ने लिखी है.

बनाया इतिहास
निखिल महाजन ने ‘जून’ की सक्सेस पर कहा, “यह मेरे और जून की हमारी पूरी टीम के लिए प्राउड मूमेंट है. प्लेनेट मराठी ओटीटी पर रिलीज होने वाली ‘जून’ पहली मराठी फिल्म हैं. यह प्लेटफॉर्म इतिहास बना रहा है. यह मेरे लिए, जुनून से पैदा हुआ एक प्रोजेक्ट रहा है. आज के बिजी वक्त में लोग भावनात्मक रूप से डिस्कनेक्ट हो जाते हैं, इमोशन, हानि, शोक, उम्मीद और आखिर में हिलिंग की इस कहानी को बताना पड़ा. मुझे खुशी है कि इस कहानी को कलाकारों, रचनाकारों और वितरकों की एक अद्भुत टीम मिली “

मिला क्रिटिकली एक्लेम
कोमल नाहटा, जोगिंदर टुटेजा और अनुपमा चोपड़ा फिल्म समीक्षकों की आलोचनात्मक प्रशंसा के साथ, जून हर दिन चर्चा में बनी हुई है. भारत के 51वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए जून को भारतीय पैनोरमा की श्रेणी के तहत चुना गया है. फिल्म पहले ही पुणे फिल्म फेस्टिवल, केरल फिल्म फेस्टिवल और न्यूयॉर्क फिल्म फेस्टिवल में अपनी चमक बिखेर चुकी है. नेहा पेंडसे और सिद्धार्थ मेनन को बेस्ट परफॉर्मेंस की कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था, जहां सिद्धार्थ मेनन ने पुरस्कार जीता है.

को-प्रोड्यूसर हैं नेहा पेंडसे
नेहा पेंडसे ने फिल्म की को-प्रोड्यूसर भी हैं, जून की सफलता को लेकर वह काफी एक्साइटेड हैं. उन्होंने कहा, ” ‘जून’ मेरे लिए सेल्फ-डिस्कवर का अनुभव था. मैं निखिल, सुहरुद और वैभव की मदद से इन कठिन इमनोशन को स्क्रीन पर दिखा सकती थी. सिद्धार्थ ने इस जर्नी पर मेरी बहुत सराहना की. मैं वास्तव में खुश हूं कि दर्शकों ने खुले हाथों से हमारी परफॉर्मेंसको स्वीकार किया है.”

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