Bihar Election 2025 : क्या बिहार में प्रवासी बनेंगे बीजेपी की ताकत, पढ़ें रिपोर्ट
छठ पर्व पर बिहार लौटे प्रवासी एनडीए के लिए साइलेंट प्रवक्ता बन सकते हैं। भाजपा शासित राज्यों का विकास मॉडल बदल सकता है बिहार की चुनावी हवा।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के बाहर रहने वाले करीब तीन करोड़ प्रवासी बिहारियों की भूमिका राजनीतिक रूप से अहम होती जा रही है। रोजगार, शिक्षा और बेहतर सुविधाओं की तलाश में दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रह रहे इन प्रवासियों का एक बड़ा वर्ग छठ पर्व पर अपने घर लौटा है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा शासित राज्यों में विकास और बेहतर व्यवस्थाएं देखने वाला यह वर्ग अब बिहार में एनडीए गठबंधन के लिए ‘साइलेंट प्रवक्ता’ का काम कर सकता है। अपने परिवारों और रिश्तेदारों को भाजपा सरकारों के विकास कार्यों के बारे में बताने से राज्य में भाजपा को अप्रत्यक्ष लाभ मिलने की संभावना है।
बिहार से सबसे ज्यादा पलायन
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार, बिहार के करीब 2.9 करोड़ लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में रहते हैं। देश में औसतन 6.1% लोग पलायन करते हैं, जबकि बिहार में यह दर 15.8% तक है।
उच्च जातियों में सबसे अधिक पलायन
आर्थिक कारणों के अलावा, बिहार में पलायन का एक सामाजिक पहलू भी है। उच्च जातियों — ब्राह्मण, भूमिहार और ठाकुर — के बीच पलायन की दर करीब 10% है, जबकि ओबीसी में 5.3% और ईबीसी वर्ग में 3.9% है। विशेषज्ञों का मानना है कि 1990 के दशक के “जंगलराज” और जातीय हिंसा ने इस वर्ग को राज्य छोड़ने पर मजबूर किया था।
प्रवासी मतदाता भाजपा के समर्थन में
आंकड़े बताते हैं कि प्रवासी आबादी में सामान्य वर्ग के लोगों की संख्या सबसे अधिक है, जो परंपरागत रूप से भाजपा का समर्थन करते रहे हैं। ऐसे में यह वर्ग बिहार चुनाव में एनडीए के पक्ष में माहौल बना सकता है।
टिकट वितरण में सामान्य वर्ग पर फोकस
एनडीए ने 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में लगभग 35% सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि महागठबंधन ने 30.5% टिकट ही इस वर्ग को दिए हैं। विश्लेषकों के अनुसार, यह रणनीति प्रवासी वोट बैंक को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
छठ पर ‘दिल्ली मॉडल’ बना चर्चा का विषय
दिल्ली में छठ पर्व के दौरान भाजपा शासित निगम और सरकार ने यमुना तट पर साफ-सफाई, सुरक्षा और सुविधाओं का विशेष इंतज़ाम किया। प्रवासी बिहारियों ने इन व्यवस्थाओं की सराहना की और माना कि ऐसी सुविधाएं उन्हें पटना या बेगूसराय में भी नहीं मिलीं।
यह चर्चा अब बिहार तक पहुंच रही है और भाजपा के लिए सकारात्मक माहौल बना सकती है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा छठ पर्व के जरिए बिहार चुनाव को प्रभावित करना चाहती है।
भाजपा का जवाब: विकास ही हमारी प्राथमिकता
भाजपा विधायक रविंद्र सिंह नेगी ने कहा, विकास और धार्मिक आयोजनों की सुविधा देना हमारे लिए राजनीति नहीं, सेवा का विषय है। विपक्ष इसे चुनावी दृष्टि से देख रहा है, लेकिन हमारे लिए यह जनता की सुविधा का प्रश्न है।


