Prayagraj News-दुष्कर्म से उपजे गर्भ को गिराने की अनुमति, हाईकोर्ट का तीन दिन में प्रक्रिया पूरी करने का आदेश

Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के अनचाहे गर्भ को समाप्त करने की अनुमति प्रदान कर दी है। अदालत ने यह आदेश चिकित्सकों की टीम की जांच रिपोर्ट के आधार पर पारित किया और स्पष्ट कहा कि गर्भपात की अनुमति में देरी पीड़िता के जीवन के लिए खतरा साबित हो सकती है।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। मामला बागपत जनपद के थाना सिंघावली अहीर क्षेत्र का है, जहां 17 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता की मां ने याचिका दायर कर गर्भपात की अनुमति मांगी थी।

कोर्ट के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागपत ने 22 अगस्त 2025 को एक मेडिकल बोर्ड गठित किया। मेडिकल बोर्ड ने 23 अगस्त को पीड़िता की जांच की और रिपोर्ट दी कि भ्रूण की आयु 21 सप्ताह है। यदि गर्भावस्था जारी रहती है तो यह पीड़िता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी। रिपोर्ट में यह भी दर्ज किया गया कि पीड़िता और उसके माता-पिता दोनों गर्भपात के लिए सहमत हैं और किसी प्रकार का दबाव नहीं है।

रिपोर्ट और सहमति को देखते हुए अदालत ने गर्भावस्था समाप्त करने की अनुमति दे दी। साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बागपत व मेरठ को निर्देशित किया कि लाला लाजपत राय मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, मेरठ के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित कर तीन दिनों के भीतर गर्भपात की प्रक्रिया पूरी की जाए। भ्रूण को फोरेंसिक जांच हेतु संरक्षित करने का भी आदेश दिया गया।

इसके अतिरिक्त, मेरठ के जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे पीड़िता और उसके परिवार के चिकित्सा एवं अन्य खर्चों की जिम्मेदारी उठाएं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर 2025 को निर्धारित की है और संबंधित रिपोर्ट मांगी है।

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