Sanjauli Mosque controversy: ढांचा गिराने के आदेश पर स्टे बरकरार, अब 5 जुलाई को होगी सुनवाई
Sanjauli Mosque controversy: शिमला के संजौली क्षेत्र में स्थित मस्जिद को लेकर जारी विवाद पर गुरुवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। यह मामला उस आदेश के खिलाफ है, जिसमें नगर निगम शिमला की आयुक्त अदालत ने मस्जिद को अवैध निर्माण घोषित करते हुए ढांचा गिराने का निर्देश दिया था। वक्फ बोर्ड ने इस आदेश को अदालत में चुनौती दी है।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से अपना जवाब दाखिल किया गया। अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 5 जुलाई 2025 निर्धारित की है, जब दोनों पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी। तब तक मस्जिद को गिराने पर अंतरिम रोक (स्टे) जारी रहेगी।
अंतरिम राहत पहले ही मिल चुकी है
इससे पहले 26 मई को अदालत ने वक्फ बोर्ड की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए नगर निगम आयुक्त के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी। वक्फ बोर्ड का कहना है कि मस्जिद एक ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है, जिसका अस्तित्व 1947 से पूर्व का है। बोर्ड का तर्क है कि हालिया निर्माण कार्य पुराने ढांचे की मरम्मत और पुनर्निर्माण का हिस्सा है, न कि नया अवैध निर्माण।
तीन मंजिलों को पहले ही घोषित किया गया था अवैध
यह मस्जिद पिछले एक वर्ष से विवाद का विषय बनी हुई है। 5 अक्टूबर 2024 को नगर निगम आयुक्त भूपिंदर अत्री की अदालत ने मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को अवैध बताते हुए उन्हें हटाने का आदेश दिया था। मस्जिद प्रबंधन को समयसीमा के भीतर निर्माण हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन आदेश का पालन नहीं हो सका।
बाद में 3 मई 2025 को नगर निगम की अदालत ने मस्जिद की बची हुई दो मंजिलों को भी अवैध घोषित करते हुए संपूर्ण ढांचे को गिराने का आदेश पारित कर दिया। इस आदेश को वक्फ बोर्ड ने जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी है।
वक्फ बोर्ड और नगर निगम की दलीलें
वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता का कहना है कि यह मस्जिद समुदाय की आस्था का पुराना केंद्र रही है और इसके निर्माण को अवैध करार देना न केवल ऐतिहासिक तथ्यों की अनदेखी है, बल्कि धार्मिक भावना को भी ठेस पहुंचाता है।
दूसरी ओर, नगर निगम का तर्क है कि यदि मस्जिद पहले से अस्तित्व में थी, तो उसके हालिया पुनर्निर्माण के लिए विधिवत अनुमति क्यों नहीं ली गई। अदालत ने भी इस बिंदु पर गंभीर आपत्ति जताई है।
अगस्त 2024 की झड़प के बाद सामने आया विवाद
यह मामला तब सुर्खियों में आया जब 29 अगस्त 2024 को शिमला के मल्याणा क्षेत्र में दो समुदायों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया था। इसके बाद 1 सितंबर को संजौली मस्जिद के बाहर तनावपूर्ण स्थिति बन गई और निर्माण को लेकर विवाद गहराने लगा।
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11 सितंबर को कुछ हिंदू संगठनों ने मस्जिद निर्माण के विरोध में प्रदर्शन किया और बैरिकेड्स तोड़ते हुए मस्जिद की ओर मार्च करने का प्रयास किया। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा, जिसमें कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद नगर निगम की ओर से मस्जिद के निर्माण की जांच तेज़ कर दी गई थी।