Shimla heavy rain alert: हिमाचल में भारी बारिश का कहर जारी, 13 अगस्त तक अलर्ट

Shimla heavy rain alert: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का रौद्र रूप जारी है, जिसके चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन, बाढ़ और बुनियादी सुविधाओं को भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भी चेतावनी जारी की है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

रामपुर में फटा बादल, कई सड़कें बंद

बुधवार देर रात शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की दरशाल पंचायत में बादल फटने की पुष्टि हुई है। इससे तकलेच बाजार के पास बहने वाले नाले में भीषण बाढ़ आ गई, जिसके कारण एहतियातन आसपास के घरों को खाली कराना पड़ा। हालांकि, अब तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।

राज्य में बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए हैं, जिससे 3 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कुल 493 सड़कें बंद हो गई हैं। इनमें मंडी में 277, कुल्लू में 117, शिमला में 24 और कांगड़ा में 23 सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। मंडी-कुल्लू एनएच-21 और किन्नौर में एनएच-5 भी बंद है।

13 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में 13 अगस्त तक भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही 8 और 9 अगस्त को तेज बारिश के साथ बिजली गिरने और आंधी की भी चेतावनी दी गई है। पिछले 24 घंटों में बिलासपुर के नैना देवी में सर्वाधिक 92 मिमी बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा, रायपुर मैदान में 81, पच्छाद में 75 और ओलिंडा में 67 मिमी वर्षा हुई है।

बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में 1120 बिजली ट्रांसफार्मर और 245 पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं। सोलन में 436, कुल्लू में 375, मंडी में 265 और शिमला में 41 ट्रांसफार्मर ठप हैं। पेयजल योजनाओं में मंडी की 88, कांगड़ा की 120 और हमीरपुर की 9 योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

मानसून से अब तक भारी नुकसान

20 जून से अब तक हिमाचल में बारिश  से जुड़ी घटनाओं में 199 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं। इस दौरान 1786 घरों को नुकसान हुआ है, जिनमें 367 पूरी तरह ढह गए हैं। 298 दुकानें और 1690 गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। सबसे ज्यादा 42 मौतें मंडी जिले में हुई हैं, जहां 1118 घर और 267 दुकानें प्रभावित हुई हैं। राज्य को अब तक करीब 1905 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

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पौंग बांध से पानी छोड़ा गया

कांगड़ा जिले में पौंग बांध से गुरुवार को एक बार फिर 40 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है। प्रशासन ने लोगों से नदियों और जलस्रोतों के पास न जाने की अपील की है, क्योंकि जलस्तर बढ़ने की संभावना है। मॉनसून सीजन में अब तक 58 बार फ्लैश फ्लड, 28 बार बादल फटने और 51 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जो राज्य के लिए एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।

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