सीतापुर: शौचालयों का पैसा हड़प गए जिम्मेदार! खुले में शौच जानें को मजबूर ग्रमीण

सीतापुर। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनवाए गए शौचालयों की हालत बेहद खस्ता है। कहीं सीट नहीं रखवाई गई तो कहीं टैंक ही नहीं बनाया गया। कहीं शौचालय में दरवाजे नहीं तो उनपर छत ही नहीं डाली गई। ऐसी तमाम तस्वीरें आप को सकरन विकास खंड में देखने को मिल जाएंगी। इसके उलट जिम्मेदारों ने कागजों पर इन शौचालयों को पूर्ण निर्माण होना दिखा कर उनका धन हड़प लिया। खास बता यह कि शिकायत होने के बाद भी जिम्मेदारों अफसरों ने कार्रवाई तो दूर प्रकरण की जांच कराने की भी जहमत नहीं उठाई।

हालात यह हैं कि ग्रामीण के नाम शौचालय निर्माण की सूची में दर्ज हैं, लेकिन अधूरे शौचालय बने होने की वजह से उन्हें खुले में ही शौच के लिए जाना पड़ता है। सूत्रों का दावा है कि स्वच्छ भारत मिशन कुछ जिम्मेदारों, प्रधानों व सचिवों के लिए महज कमाई का जरियाभर बन कर रह गया है। सूत्र बताते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत सरकार द्वारा विकास खंड सकरन में वर्ष 2018,19, 20 में विकास खंड की 85 ग्राम पंचायतों में कुल 31423  शौचालय वनवाने के निर्देश दिये थे। जिसमे सभी ग्राम पंचायतों में 21476 शौचलय (एसबीएम) 7841 शौचालय (एलओबी) व 2146 (एनओएलबी) के तहत शौचालयों का निर्माण कराया जाना था।

उक्त शौचालयों की धनराशि सरकार द्वारा ग्राम पंचायत के खातों में 12 हजार रूपये प्रति शौचालय के हिसाब से भेजी गयी थी। उसके बाद तत्कालीन प्रधानों व पंचायत सचिवों ने पूरे ब्लाक में शौचालयों के निर्माण का ठेका अपने चहेेते ठेकेदारों को दे दिया था। उसके बाद ठेकेदारों द्वारा बनवाये गये शौचालय किसी भी ग्राम पंचायत में पूर्ण रूप से नही बने हैं। किसी की स्लेब नही पडी तो किसी में सीट नहीं। कोई बिना दरवाजे का तो किसी का टैंक नही बनवाया गया और निर्माण पूर्ण दर्शाकर सारा पैसा निकाल लिया गया।

विकास खंड भर में सबसे खराब स्थिति तो ग्राम पंचायत सकरन, कल्ली, दुगाना, सैदापुर, प्यारापुर, ताजपुर सलौली, लखनियापुर, काजीपुर, तारपारा, केवटाना हरदोपट्टी, उमराखुर्द, मडोर, सरैंया कला, किर्तापुर आदि की है। जहां शौचालय बना होने के बाद भी मजबूरन घरों के पुरूषों, महिलाओं, बच्चों को बाहर खेतों में शौच के लिये जाना पड रहा है। ग्रामीणों ने कई बार बीडीओ, एसडीएम व डीएम को शिकायती पत्र देकर मामले की जांच कराने की मांग की, लेकिन कार्रवाई व जांच के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ। ग्रामीण बिशम्भर बाजपेई, संतोष, रामचन्द्र, नेवल आदि ने मामले की शिकायत विभागीय अधिकारियों से की है। इस सम्बन्ध में बीडीओ रजनीश कुमार ने बताया कि शिकायत मिली है। शौचालयों की जांच करायी जायेगी। जांच में दोषी पाये जाने पर संबंधित प्रधान व सचिव के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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