Sports News: लगातार क्रिकेट का दबाव: क्या टीम इंडिया के ‘प्रिंस’ शुभमन गिल को एक ब्रेक की ज़रूरत है?

आईपीएल से लेकर वर्ल्ड कप और अब साउथ अफ्रीका सीरीज़ तक, गिल के कंधों पर है उम्मीदों और थकान का भारी बोझ।

Sports News: भारतीय क्रिकेट के ‘प्रिंस’ कहे जाने वाले शुभमन गिल एक बार फिर मैदान पर हैं, इस बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ T20 सीरीज़ में अपना दम दिखाने के लिए। जब भी वह मैदान पर उतरते हैं, तो उनसे एक बड़ी और शानदार पारी की उम्मीद की जाती है। लेकिन इस चमक-दमक के पीछे एक ऐसी कहानी है जिस पर बात करना बेहद ज़रूरी है – और वह है लगातार क्रिकेट खेलने की थकान।

ज़रा गिल के पिछले कुछ महीनों के शेड्यूल पर नज़र डालिए। सबसे पहले, उन्होंने दो महीने तक चले IPL में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी का भारी दबाव झेला। कप्तानी सिर्फ मैदान पर फैसले लेने का नाम नहीं है, बल्कि यह खिलाड़ियों को संभालने और रणनीति बनाने की 24×7 की मानसिक जद्दोजहद है। IPL खत्म होते ही वह T20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के साथ बतौर रिज़र्व खिलाड़ी अमेरिका चले गए। वहाँ उन्हें खेलने का मौका तो नहीं मिला, लेकिन टीम के साथ लगातार सफर और अभ्यास का हिस्सा बने रहना भी थका देने वाला होता है।

वर्ल्ड कप के ग्रुप स्टेज के बाद उन्हें वापस भारत भेज दिया गया, लेकिन यह ब्रेक शायद ही कोई ब्रेक था। कुछ ही हफ्तों में उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज़ के लिए वापस टीम में बुला लिया गया। आसान भाषा में कहें तो गिल पिछले कई महीनों से क्रिकेट की मशीन की तरह बिना रुके चल रहे हैं।

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इस नॉन-स्टॉप क्रिकेट का असर उनके प्रदर्शन पर भी दिखना लाज़मी है। भले ही वह कितने भी प्रतिभाशाली हों, लेकिन शारीरिक और मानसिक थकान किसी भी खिलाड़ी के स्वाभाविक खेल को प्रभावित करती है। पिछले कुछ समय से गिल के बल्ले से वैसी विस्फोटक और बेखौफ पारियां नहीं निकली हैं, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। ऐसा लगता है कि उनके कंधों पर उम्मीदों का बोझ इतना ज़्यादा है कि उन्हें खुलकर खेलने का मौका ही नहीं मिल पा रहा है।

यह सिर्फ गिल की कहानी नहीं है। आज के दौर में क्रिकेट का कैलेंडर इतना व्यस्त हो गया है कि खिलाड़ियों को आराम करने और खुद को तरोताज़ा करने का समय ही नहीं मिलता। BCCI और टीम मैनेजमेंट अक्सर सीनियर खिलाड़ियों जैसे रोहित शर्मा और विराट कोहली को वर्कलोड मैनेज करने के लिए आराम देते हैं, ताकि वे बड़े टूर्नामेंट्स के लिए पूरी तरह फिट रहें। अब सवाल यह उठता है कि क्या शुभमन गिल जैसे युवा और अहम खिलाड़ी के लिए भी इसी तरह की योजना बनाने का समय आ गया है?

शुभमन गिल भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं और उन्हें लंबे समय तक देश के लिए खेलना है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि उनके वर्कलोड को सावधानी से संभाला जाए, ताकि थकान उन पर हावी न हो। फैंस तो यही चाहेंगे कि उनका ‘प्रिंस’ जब भी मैदान पर उतरे, तो पूरी ऊर्जा और ताज़गी के साथ उतरे। क्योंकि एक थका हुआ ‘प्रिंस’ नहीं, बल्कि एक तरोताज़ा ‘किंग’ ही मैदान पर राज कर सकता है।

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