Supreme Court recognizes: वोटर सूची में आधार वैध दस्तावेज, ममता बनर्जी ने प्रशासन को दिए निर्देश
Supreme Court recognizes: सुप्रीम कोर्ट ने वोटर सूची में नाम दर्ज कराने के लिए आधार कार्ड को 12वें वैध दस्तावेज के रूप में मान्यता दे दी है। इस फैसले का स्वागत करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज जलपाईगुड़ी में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान जिला प्रशासन को इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
‘दुआरे सरकार’ के माध्यम से बनेंगे आधार कार्ड
मुख्यमंत्री ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) को निर्देश दिया कि जिनके पास आधार कार्ड नहीं है, उनके लिए राज्य सरकार के ‘दुआरे सरकार’ कार्यक्रम के तहत आधार कार्ड बनवाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे लगातार यह सुनिश्चित करते रहें कि उनका नाम वोटर सूची में है या नहीं, क्योंकि लापरवाही की स्थिति में उन्हें एनआरसी जैसी प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
बिहार में वोटर सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं। तृणमूल कांग्रेस भी इस मामले में पक्षकार थी और सांसद महुआ मोइत्रा ने भी व्यक्तिगत याचिका दाखिल की थी। लगभग सभी विपक्षी दलों ने आधार को वैध दस्तावेज मानने की मांग की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी। इसके बाद चुनाव आयोग ने बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश जारी किया।
शिक्षक नियुक्ति विवाद पर भी बोलीं ममता
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिक्षक नियुक्ति विवाद पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश पर परीक्षाएं हो रही हैं और कानूनी विशेषज्ञ बाकी मामलों पर सलाह ले रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जैसे ही कानूनी पेचीदगियां खत्म होंगी, सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
ममता बनर्जी ने बताया कि स्कूल सर्विस कमीशन 35,000 पदों के लिए परीक्षा आयोजित कर रहा है, और आगे 21,000 और पदों पर नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी सरकार नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करती है, विपक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष चुनाव में हारता है, इसलिए कोर्ट का सहारा लेता है।
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बंगाल को ‘गुजरात’ नहीं बनने देंगे
ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर हो रहे अपने अपमान पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर उनकी जगह कोई और होता तो शर्म से इस्तीफा दे देता। लेकिन, अगर वह पद छोड़ देंगी तो “लुटेरे सब लूट ले जाएंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग बंगाल को गुजरात बनाना चाहते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि बंगाल को कोई दिल्ली से नियंत्रित नहीं कर सकता, बंगाल को बंगाल ही चलाएगा।