Spaceman Shubhanshu Shukla: ज़मीन से अंतरिक्ष तक ग्रुप कैप्टन शुभांशु का गौरवशाली सफर

Spaceman Shubhanshu Shukla: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक मिशन पर रवाना हो गए हैं। वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बनेंगे। यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की वैज्ञानिक क्षमता को प्रदर्शित कर रहा है।

शुभांशु का बचपन और शिक्षा

10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ के त्रिवेणी नगर में जन्मे शुभांशु एक सामान्य परिवार से आते हैं। उन्होंने सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, लखनऊ से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उनका चयन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), पुणे में हुआ, जहां से उन्होंने B.Tech किया। फिर उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से M.Tech की डिग्री ली।

भारतीय वायुसेना में शानदार करियर

2006 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए शुभांशु एक अनुभवी फाइटर पायलट हैं। उन्होंने मिग-21, मिग-29, सुखोई-30 MKI, जैगुआर सहित कई विमान उड़ाए हैं। मार्च 2024 में उन्हें ग्रुप कैप्टन की रैंक दी गई।

गगनयान से Axiom-4 तक

ISRO ने 2019 में उन्हें गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण के लिए चुना। उन्होंने रूस में एक साल तक कठोर प्रशिक्षण लिया। हालांकि गगनयान मिशन 2025 में होगा, लेकिन शुभांशु अब Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भर रहे हैं। इस मिशन में उनका कॉल साइन ‘Shux’ होगा।

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विज्ञान और भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व

इस मिशन में 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में से 7 ISRO द्वारा हैं, जिनमें से 5 में शुभांशु भाग लेंगे। वह अंतरिक्ष में भारत की संस्कृति, विविधता और योग को भी ले जाएंगे। परिवार में उन्हें ‘गुंजन’ के नाम से जाना जाता है।

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