UNO News: अफगान लोगों पर हमला एक्ट ऑफ वॉर’, यूएन में भारत ने पाक की खोली पोल

UNO News: भारत ने अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर पर हुए संघर्ष और उसके बाद पाकिस्तान की तरफ से किए गए हवाई हमलों की कड़ी निंदा की है। भारत ने कहा कि अफगानिस्तान को ‘ट्रेड और ट्रांजिट टेररिज्म’ का शिकार होना पड़ रहा है, क्योंकि एक जमीन से घिरे देश के लोगों के लिए रास्ते ही बंद कर दिए गए हैं।
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान की स्थिति पर हुई सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पी. हरीश ने अफगानिस्तान में निर्दोष महिलाओं, बच्चों और क्रिकेटरों की हत्या पर संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) की चिंता को दोहराया। भारत ने यूएनएससी बैठक में पाकिस्तान का नाम लिए बिना अफगानिस्तान पर किए गए हमलों और सैन्य कार्रवाई के बारे में दी जा रही धकमियों की कड़ी निंदा की और साथ ही अफगानिस्तान को चलाने वाली तालिबान सरकार के साथ व्यावहारिक संबंध बनाने की बात भी की। हरीश ने इस पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर तालिबान के खिलाफ केवल दंड देने वाला हथकंडा ही अपनाया जाएगा तो वहां कुछ नहीं बदलेगा।

UN News; Also Read- HIV crisis : बिहार में HIV संक्रमण का बड़ा संकट ,7,400 मरीज दर्ज- 400 से अधिक नाबालिग भी प्रभावित
भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना उसके द्वारा अफगानिस्तान के साथ व्यापार और बॉर्डर को पूरी तरह बंद करने की तीखी आलोचना की और इसे आतंकवाद करार दिया। हरीश ने कहा, “हम ट्रेड और ट्रांजिट आतंकवाद’ की प्रथा पर भी गंभीर चिंता के साथ ध्यान देते हैं, जो अफगानिस्तान के लोगों को भूमि से घिरे (लैंडलॉक्ड) देश तक पहुंच बंद करने के कारण झेलनी पड़ रही है। वहां के लोग कई वर्षों से खराब परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। ये काम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों का उल्लंघन हैं। एक नाजुक और कमजोर लैंड-लॉक्ड डेवलपिंग कंट्रीज, जो कठिन परिस्थितियों में फिर से निर्माण की कोशिश में है, उसके खिलाफ युद्ध की ऐसी खुली धमकियां और कार्रवाई यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।
हरीश ने भारत द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अफगानिस्तान की सहायता और सहयोग जारी रखने और इसे और गहरा की बात भी कही। उन्होंने कहा मानवीय मदद देना और अफगान लोगों की क्षमता बढ़ाना हमेशा से भारत की प्राथमिकता रही है। हमारे पास पहले से ही सभी प्रांतों में 500 से ज्यादा डेवलपमेंट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट्स हैं और हम अपनी इस भागीदारी को और गहरा करेंगे, खासकर हेल्थकेयर, पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी-बिल्डिंग के सेक्टर्स में। हम हेल्थ, फूड सिक्योरिटी, एजुकेशन और स्पोर्ट्स जैसे जरूरी एरिया में यूएन एजेंसियों के साथ काम करना जारी रखेंगे।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

Related Articles

Back to top button