UNTCC Conference: संयुक्त राष्ट्र अभी भी 1945 पर अटका हुआ, सुधार की जरूरत- जयशंकर

UNTCC Conference: विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने गुरुवार को राजधानी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों के सम्मेलन (UNTCC) में हिस्सा लिया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 32 सैन्य योगदानकर्ता देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन को संबोधित करते हुए जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र आज भी 1945 की वास्तविकताओं को दर्शाता है, 2025 की नहीं। 80 वर्षों में दुनिया बदल चुकी है, सदस्य देशों की संख्या चौगुनी हो चुकी है।

विकासशील देशों की आवाज जरूरी

जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता इस बात पर निर्भर करती है कि वह विकासशील देशों की आवाज को कितना महत्व देता है। उन्होंने यूएन को अधिक समावेशी, लोकतांत्रिक और सहभागी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। विदेश मंत्री ने शांति अभियानों की प्रभावशीलता को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मिशनों के अधिदेश तैयार करते समय सैन्य योगदानकर्ता देशों के साथ-साथ मेजबान देशों से भी परामर्श होना चाहिए। अधिदेश स्पष्ट और यथार्थवादी होने चाहिए, और नागरिकों की सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी मेजबान देश की ही रहनी चाहिए।

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तकनीक और संचार में भारत की पहल

भारत ने शांति अभियानों की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक बनने की इच्छा जताई। जयशंकर ने गलत और भ्रामक सूचनाओं से निपटने के लिए रणनीतिक संचार को मजबूत करने की जरूरत बताई।सम्मेलन के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “संघर्षों की बदलती प्रकृति और भू-राजनीतिक गतिशीलता के बीच वैश्विक शांति स्थापना के लिए सामूहिक, रचनात्मक और सर्वसम्मति से कार्य करने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।”

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