Up News- निर्माण के कुछ ही माह बाद उखड़ रही सड़कें बयां कर रहीं सच्चाई

Up News- कभी अपने गुणवक्ता युक्त कार्यो को लेकर सुर्खियां बटोरने वाला विभाग अब भ्रष्टाचार के मकड़ जाल में उलझ कर कराह रहा है। प्रांतिय खंड लोक निर्माण विभाग के द्वारा भारी भरकम बजट खर्च कर बनायी जा रहीं सड़कें महज कुछ ही साल में उखड़ जा रही हैं। मानक विहीन कराए जा रहे कार्यो के पीछे अधिशासी अभियंता के काफी करीबी बताए जा रहे तीन अवर अभियंता को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। यदि इन कार्यो की शासन स्तर पर किसी स्वतंत्र एजेंसी से उच्च स्तरीय जांच करा दी जाए तो न केवल एक बड़ा भ्रष्टाचार उजागर होगा, बल्कि अधिशासी अभियंता के करीबी बताए जा रहे उक्त तीनों अवर अभियंता पर कार्रवाई की गांज गिर सकती है।
कुछ वर्ष पूर्व प्रांतिय खंड लोक निर्माण विभाग के द्वारा चुर्क से धर्मदासपुर तक जाने वाली सड़क की मरम्मत करायी गई थी। सड़क मरम्मत कार्य में भारी भरकम बजट भी खर्च किया गया था, लेकिन कुछ ही माह बाद यह सड़क गड्ढ़ों में तब्दील हो गई।

मार्ग पर जगह-जगह बने गड्ढ़ों में बारिश का पानी जमा होने से राहगिरों समेत स्कूली बच्चों को आवागमन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सड़क मरम्मत कार्य में मानकों की जमकर अनदेखी की गई थी। मानक विहीन कार्य कराए जाने से यह सड़क फिर से गड्ढ़ों में तब्दील हो गई है। मजे की बात तो यह है कि सड़क गड्ढ़ों में तब्दील होने के बाद श्रावण माह में इसकी फिर से पेंटिंग कराने का कार्य शुरू किया गया है, जो आज तक पूरा नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने बताया कि चुर्क से धंधरौल बांध होते हुए धर्मदासपुर तक जाने वाली इस सड़क से प्रतिदिन हजारों ग्रामीणों का आना-जाना होता है। सड़क पर बने गड्ढ़ों में बारिश का पानी जमा होने से रात के अंधेरे में साइकिल सवार गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं। ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए सड़क मरम्मत कार्य की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया है।

साहब के करीबी जेई की देखरेख में हुआ था कार्य चुर्क से धंधरौल बांध होते हुए धर्मदासपुर तक जाने वाली सड़क की मरम्मत कार्य अधिशासी अभियंता के करीबी बताए जा रहे अवर अभियंता रवि प्रताप की देखरेख में कराए जाने की जनचर्चा है। यह जानकारी देते हुए भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि प्रांतिय खंड लोक निर्माण विभाग कार्यालय में तैनात रवि प्रताप, संदीप व धनेश नामक जेई की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इनकी देखरेख में जितने भी कार्य अब तक कराए गए हैं, यदि उनकी किसी स्वतंत्र एजेंसी से उच्च स्तरीय जांच करा दी जाए तो एक बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि इनके खिलाफ कई शिकायतें भी हो चुकी हैं। उधर लगाए जा रहे आरोपों के बावत जेई रविप्रताप, संदीप व धनेश से संपर्क कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन वे अपने कार्यालय में मौजूद नहीं मिले। लिहाजा उनका पक्ष नहीं लिया जा सका। अधिशासी अभियंता से भी संपर्क न हो पाने के कारण उनका भी पक्ष नहीं लिया जा सका।

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