Amethi News: अधिक लम्बाई और पानी की कमी होने से नहीं छोड़ा जा रहा पानी -एसडीओ
Amethi News: क्षेत्र की गिरावां और इन्हौना रजबहा अतिक्रमण की चपेट में देखी जा रही हैं। यदि गिरावां को देखा जाये तो जनपद के विकास क्षेत्र बाजार शुकुल में पूरी तरह अतिक्रमण ग्रस्त हो जाती है। अतिक्रमण के रूप में इसकी पटरियों पर लोगों द्वारा गुमटियां बना ली गईं हैं, और शहर की पटरी को तोड़ कर अपने घरों का नापदान गिरावां रजबहा में कर दिया गया है। यही नहीं नहर की पटरी से होकर प्राचीन हनुमान मंदिर को जाने का मार्ग हैं,इसी मार्ग के किनारे बनी मीट की दुकानों का दूषित पानी बहाने वाली नालियां भी रजबहा से जोड़ी गई है। दुकानदारों ने गिरावां रजबहा में कूड़ा डाल डाल कर इसकी और दुर्दशा कर दी है। लगता है इसमें पानी नहीं आने से लोगों ने कूड़ा के प्रयोग की चीज समझ लिया है। यह अतिक्रमण की स्थिति को लगभग 9-10किमी0तक विभाग भी स्वीकार कर रहा है। इस सम्बन्ध में गिरावां रजबहा के एसडीओ का कथन है कि अतिक्रमण है पहली नोटिस जारी की गई थी,अब दूसरी नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की जायेगी। एसडीओ ने यह भी कहा कि इसे दूषित होने से बचाने के लिए लोगों की जागरूकता अपेक्षित है। यहां लोगों पर जागरूकता की बात कहने में, कहीं एसडीओ की अतिक्रमण कारियों के प्रति कार्रवाई को लेकर शिथिलता परिलक्षित नहीं है रही है। चूंकि गिरावां रजबहा में अतिक्रमण की बात कोई नयी नहीं है।
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धान की नर्सरी का समय नहर में पानी नहीं आने पर बोले एसडीओ —गिरावां रजबहा की लम्बाई हेड से टेल गूल तक 15 किमी0 से अधिक है। आखिरी तक पानी नहीं दिया जा सकता है। एसडीओ का यह लापरवाही वाला बयान किसानों को और हैरान करने वाला होता कि –अब किसान अधिक फसल उगाने लगें हैं, बरसात में पानी आखिरी तक पहुंचाया जा सकता है। जबकि देखा जाये तो आखिरी तक पानी पहुंचाने की बात दूर रही ,गिरावां रजबहा में पानी छोड़ा ही नहीं गया। कहीं ऐसा तो नहीं है कि गिरावां एसडीओ इस तरह की बात कहकर अपनी खामियों पर पर्दा डाल रहे हो। बहरहाल सिंचाई विभाग किसानों की धान की नर्सरी के समय नहर में पानी क्यों नहीं छोड़ रहा है यह विभागीय विषय है। लेकिन इतना जरूर है कि गिरावां रजबहा का निर्गमन निर्धारित आपासी के दृष्टिगत हुआ। यदि किसानों की मानें तो नहर की अपेक्षा निजी साधनों से अधिकांश किसान फसल उत्पादन कर रहे हैं। जिसके चलते अधिकांश किसान नहर की ओर ताकना बंद कर दिए हैं। इससे नहर पर आश्रित किसानों कि संख्या में घटोत्तरी हुई है, कहा जाना असंगत नहीं है। ऐसे में गिरावां रजबहा के एसडीओ का यह कथन कि किसान पहले की अपेक्षा अधिक फसल लेने लगें, इस लिए बरसात में पानी आखिरी तक पहुंचाया जा सकता है।यह किसानों के हित में जरुर असंगत प्रतीत होता है। बहरहाल रजबहा से जुड़े किसानों को यदि समय पर पानी मिले तो बेहतर उपज ले सकते हैं। अब देखना यह है कि विभाग गिरावां और इन्हौना रजबहा को अतिक्रमण मुक्त कब तक करा सकेगा।