ओलावृष्टि से तबाह फसलों का अनुमानित सर्वे आया

हमीरपुर। सरीला क्षेत्र में हुई भीषण ओलावृष्टि से 271.938 हेक्टेयर में बोई फसलें तबाह हुई हैं। मंगलवार को राजस्व विभाग ने क्षति का आंकलन किया गया है। जिसमें तीन गांवों के 392 किसानों की फसलें नष्ट हुईं हैं। पीड़ित किसानों को 46,22 लाख 946 रुपये दैवीय आपदा के तहत मुआवजा दिलाने के लिए शासन से बजट मांगा है।

पिछले तीन तक आसमान में बादलों का डेरा रहा। रविवार को क्षेत्र के जमौड़ी, हसऊपुर व कुपरा गांवों में जमकर ओलावृष्टि हुई। अचानक हुई इस ओलावृष्टि से किसान तबाह हो गए हैं। जमौड़ी में तो एक फुट तक मोटी ओले की परतें फसलों में जम गईं थी। जिससे खेतों में खड़ी लाही, गेहूं व कटी पड़ी मसूर, मटर और चने की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं। अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र ने मंगलवार को बताया कि राजस्व टीम ने जांच की है। जिसमें ओलावृष्टि से 392 किसानों की करीब 271.938 हेक्टेयर में बोई गई फसलें व नदी किनारे लगी सब्जी की फसलें नष्ट हुई हैं।

बताया कि कुपरा गांव में 36.126 हेक्टेयर में खड़ी फसलों में भारी नुकसान हुआ है। इस गांव में 48 किसानों को 6,14 लाख 142 रुपये की अनुमानित आर्थिक मदद मिलेगी। वहीं जमौड़ी गांव के 268 किसानों की 175.812 हेक्टेयर में खड़ी फसलें नष्ट हुईं हैं। इन किसानों को 2,98 लाख 804 रुपये दैवी आपदा से दिलाने की कार्रवाई की जा रही है। बताया कि हसऊपुर गांव में 76 किसानों की 60 हेक्टेयर में नष्ट फसलों पर 10.20 लाख दैवी आपदा में वितरित किए जाएंगे।

इस मामले में एसडीएम खालिद अंजुम ने कहा कि अभी यह अनुमानित लागत है। इसका मांग पत्र बनाकर शासन को भेजा है। वहीं कई गांवों में हुए फसल नुकसान 30 से 40 फीसद बताया जा रहा है। ऐसे में इन गांवों के किसानों को दैवी आपदा से मदद नहीं मिलेगी।

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