दलितों,आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों, में से बे गुनाहों की लगातार हत्या बेहद शर्मनाक

गाजियाबाद। संवाददाता। अंबेडकर समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई तेज सिंह के द्वारा आज एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई जिसमें हाशिए पर रहने वाले विशेष कर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों, में से बे गुनाहों की लगातार हत्या पर चिंता प्रकट करते हुए उनके न्याय की मांग की गई, मीडिया से बात करते हुए अंबेडकर समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई तेज सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार देश के कोने कोने में घट रही हैं, जो बेहद शर्मनाक घटनाओं में शुमार रखती हैं,
उन्होंने आज़ादी से लेकर अब तक के मुसलमानों, दलितों , आदिवासियों, एवं पिछड़ों के साथ होने वाले जुल्म सितम, हत्या, बलात्कार का ज़िक्र किया जैसे 1948 में हैदराबाद, नरसंहार,1964 में कलकत्ता दंगा, 1970 भिवंडी,1980 में मुरादाबाद,1983 में नेल्ली नरसंहार,1985 में गुजरात दंगा,1987 में हाशिम पुरा नरसंहार,1989 में भागलपुर,1992 में मुंबई, इत्यादि, इसी तरह दलितों, आदिवासियों को भी सुनियोजित ढंग से मारा और सताया गया, पिछले दिनों मॉब लिंचिंग की घटना ने देश को पुरी तरह से झकझोर दिया है, जिसमें मरने वाले को न्याय नहीं मिला और मारने वाले आज़ाद घूम रहे हैं,भाई तेज सिंह ने इस तरह की घटनाओं के पीछे मनुवादी सोच को जिम्मेदार मानते हुए, मनुस्मृति श्लोक,6, और 9, का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब तक इस तरह के ग्रंथ को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा तब तक दलितों आदिवासियों और इसी में से दूसरे धर्म में गए, मुस्लमान इत्यादि पर अत्याचार रोक पाना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है, सत्ता पर बैठी सरकार भी संवैधानिक व्यवस्था होने के बावजूद भी न्याय नहीं दे पाती हैं,और व्यवस्था को चलाने वाले इस मनुस्मृति को धार्मिक ग्रंथ मानते हैं, हमें दो तरह की लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है, एक संवैधानिक व्यवस्था को बचाने और दूसरे, मनुवादी व्यवस्था को समाप्त करने, और अब हम दोनों मोर्चों पर लड़ने को तैयार हो चुके हैं, प्रेस वार्ता में मॉब लिंचिंग के शिकार कुछ परिवार भी शामिल हुए और किसी भी तरह सहयोग ना मिलने, और अपराधियों को सजा ना मिलने कि बात कही, प्रेस को महासचिव हाफिज गुलाम सरवर, महिला महासचिव शबनम सिंह इत्यादि ने संबोधित किया।

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