पैदल गस्त के दौरान एस एस पी मुनिराज की नजर एक परेशान बुजुर्ग पर पड़ी, किया सम्मान, पहुंचाया सकुशल घर

गाजियाबाद (लायक हुसैन)। सम्मान, सम्मान,सम्मान, मतलब इसे कहते हैं कि बड़े बुजुर्गों का सम्मान हमें जरूर करना चाहिए चूंकि एक दिन ऐसा भी आएगा कि हमें भी इसी अवस्था में आना पड़ेगा और तब उस स्थिति में हमें भी कोई सहारा देने वाला भगवान जी जरूर भेज देंगे, मसलन चाहे ऐसा हो या न हो परंतु हमारा फर्ज यही है कि हम किसी असहाय व्यक्ति को सहारा देने का काम करते हैं तो वह ऊपर वाला इस बात को कभी भी नजर अंदाज नहीं करता यह बातें बिल्कुल सही साबित होती आई हैं और हमेशा इसी तरह से सही साबित होती भी रहेंगी चूंकि यह तो पुराणों में भी लिखा है कि जैसा करोगे ठीक वैसा ही पाओगे, आपको बता दें कि 

गाजियाबाद जिले के एसएसपी मुनिराज देर शाम को पैदल गस्त कर रहे थे उनकी नजर सड़क पर काफी देर से बैठे एक बुजुर्ग व्यक्ति पर पड़ी, तभी उन्होंने स्वयं ही जाकर उन बुजुर्ग से पूछा कि आप इतना परेशान क्यों दिखाई दे रहे हैं पूछाने पर बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें ऑटो नहीं मिल रहा है और वह लगभग 2 घंटे से गरिमा गार्डन जाने के लिए इंतजार कर रहे हैं कोई साधन नही मिल रहा है, इस दौरान एस एस पी मुनिराज ने ऑटो का प्रबन्ध कर गंतव्य को ऑटो में बिठा कर रवाना किया इतना ही नहीं बुजर्ग का सामान भी सिपाही से उठवा कर सकुशल ऑटो में रखवाया, इस दौरान बुजुर्ग ने एस एस पी मुनिराज को तमाम दुआएं दीं और कहा कि आज भी इस दुनियां में अच्छे इंसानों की कोई कमीं नहीं है, साथ ही उस बुजुर्ग ने सभी पुलिस वालों को दुआएं दीं, इसीलिए कहते हैं कि बड़े बुजुर्गों का सम्मान हमें जरूर करना चाहिए चूंकि वही हमारी असल पूंजी है।

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