मनीष गुप्ता हत्याकांड: पुलिस एफआईआर में सिर्फ तीन नाम, कार्यशैली पर उठे सवाल

लखनऊ। गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की कथित तौर पर हुई हत्या के मामले में पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की ओर से दी गयी तहरीर में छह पुलिस कर्मियों के नाम हैं, लेकिन पुलिस ने खेल करते हुए तीन आरोपी पुलिस कर्मी थानाध्यक्ष जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव को तो नामजद किया है, लेकिन और तीन अज्ञात पुलिसकर्मी दिखाया है। हैरान कर देने वाली एफआईआर में अपने ही थाने में पुलिस कर्मियों को अज्ञात दिखाया गया है।

ये है पीड़ित मीनाक्षी की एफआईआर

महोदय, अवगत कराना चाहती हूं कि मैं प्रार्थिनी मीनाक्षी गुप्ता पत्नी मनीष गुप्ता निवासी EWS-736, बर्रा-3 कानपुर की निवासी हूं। मेरे पति मनीष गुप्ता दिनांक 27-09-2021 को गोरखपुर आए थे। वह रामगढ़ताल थाना अंतर्गत कृष्णा पैलेस होटल में ठहरे थे। 27 तारीख को ही रात करीब 12 बजे थानाध्यक्ष जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव व अन्य 3 पुलिसकर्मी होटल के कमरे में आए। ये लोग मेरे पति के साथ अनुचित व्यवहार करने लगे। विरोध करने पर उनके साथ बहुत मारपीट की। जिसके चलते उनको बहुत चोटें आईं और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। निवेदन है कि मेरी रिपोर्ट दर्ज करके उचित कानूनी कार्रवाई करें।

पुलिस कर्मियों को बचाने का खेल

पुलिस की एफआईआर बता रही है कि पीड़िता की तहरीर को नजरअंदाज करते हुए अपना मनमाना रवैया अपनाया है। मीनाक्षी गुप्ता की एक शिकायत सोशल मीडिया में सामने आई है। इसमें एफआईआर का मजमून यही है। लेकिन उसमें पुलिसकर्मियों के नाम छह नाम लिखे हुए हैं। जबकि एफआईआर कॉपी में सिर्फ तीन पुलिसकर्मियों के नाम का जिक्र है, तीन को अज्ञात दिखाया गया है। पुलिस ने जिन तीन पुलिस कर्मियों को अज्ञात दिखाया है, वह घटना स्थल पर मौजूद थे। इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार का नाम शामिल है।

 

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