जीवित नवजात बच्ची नाली में मिली, वार्डवासियों ने हास्पिटल में किया भर्ती

रायपुर। राजधानी रायपुर के शंकर नगर वार्ड क्रमांक 30 में रविवार की रात में एक प्लास्टिक झिल्ली के अंदर नवजात बच्ची मिली। सुबह होने पर मुहल्ले के लोगों ने झिल्ली से अंदर से आवाज सुनी तो उसे खोलकर देखा तो उसके अंदर नवजात तड़प रही थी। जानकारी मिलते ही आसपास के लोग जमा हो गए। लोगों ने बच्ची को उपचार के लिए एकता हास्पिटल की चाइल्ड विशेषज्ञ से बात की और बच्ची के उपचार के लिए भर्ती कराया।प्लास्टिक झिल्ली में नवजात के कराहने की आवाज सुनकर दो बच्चियों अक्षरा छाजेड़ एवं लबदी छाजेड़ ने घर में दादी कांता छाजेड़ को इसकी सूचना दी।

छाजेड़ प्लास्टिक से नवजात को निकालकर देखभाल की और लोकेश जैन ने पार्षद सुमन राम प्रजापति को इसकी जानकारी दी। पार्षद प्रजापति मौके पर पंहुच कर पुलिस को सूचित किया। नवजात की हालत खराब देख पार्षद ने एकता हास्पिटल चाइल्ड स्पेशलिस्ट संगीता नागराज से बात की। जिसके बाद सपना छाजेड़, एकता जैन ने बच्ची को भर्ती किया और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी ली।अवैध संबंध के बाद हुए बच्चे को कुछ लोग लोकलाज के कारण उसे सुनसान रास्ते या झाड़ी में छोड़ देते हैं। प्रायः नवजात की मौत हो जाती है। शहर में अक्सर नवजात मिलने की सूचना आती रहती है। कुछ लोग जिनकी संतान नहीं होती वे उसे अपना लेते हैं लेकिन चाइल्ड चालन को जानकारी मिलने पर वे उसे अपने कब्जे में लेकर परवरिश करते हैं।

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