नहीं रहे जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे, पीएम मोदी ने दुख जताया, कल भारत में राष्ट्रीय शोक

टोक्यो: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. कथित तौर पर उन्हें क्योटो के पास नारा शहर में शुक्रवार को एक भाषण के दौरान गोली मार दी गई थी. गोली शिंजो आबे के सीने में लगी थी, उनको तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. पुलिस ने संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार किया है. हमलावर की उम्र करीब 40 साल बताई जा रही है. वहीं भारत में 9 जुलाई को राष्ट्रीय शोक रहेगा.

बताया गया है कि गोली लगने के बाद उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. जापान दुनिया के ऐसे देशों में है, जिन्हें सबसे सुरक्षित माना जाता है. लेकिन इस देश में एक पूर्व प्रधानमंत्री पर हुए इस हमले ने सभी को चौंका दिया है. हालांकि जिस संदिग्ध को पकड़ा गया है, उससे पूछताछ की जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जापान के पूर्व प्रधान मंत्री अबे शिंजो के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में, 9 जुलाई 2022 को एक दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान दिया. आज पूरा भारत जापान के साथ शोक में है और हम इस कठिन घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि अपनी हाल की जापान यात्रा के दौरान मुझे आबे से दोबारा मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला. वह हमेशा की तरह मजाकिया और समझदार थे. मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी. उनके परिवार और जापानी लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.

वहीं जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि भारत ने एक करीबी दोस्त खो दिया है जिसने भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम किया.

आबे के कार्यकाल में भारत से हुआ था बुलेट ट्रेन परियोजना का समझौताशिंजो आबे सबसे ज्यादा बार भारत आने वाले जापानी प्रधानमंत्री रहे हैं. अपने करीब 9 साल के शासन में आबे 4 बार भारत आए. साथ ही वह जापान के पहले प्रधानमंत्री थे, जो कि 2014 में गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मित्रता भी इस दौरान काफी चर्चा में रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi and Abe Relation) और शिंजो आबे के दौर में भारत और जापान के रिश्ते नई आयाम पर भी पहुंचे. इस दौरान काशी को क्योटो के तर्ज पर विकसित करने के समझौते से लेकर बुलेट ट्रेन परियोजना, न्यूक्लियर एनर्जी, इंडो पेसिफिक रणनीति और एक्ट ईस्ट पॉलिसी को लेकर दोनों देशों के बीच अहम समझौते हुए.

जापान के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री थेशिंजो आबे जापान के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री बने थे. शिंजो सबसे पहले साल 2006 में जापान के प्रधानमंत्री बने थे. इसके बाद साल 2007 में उन्होंने बीमारी की वजह से पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन साल 2012 में वह फिर जापान के पीएम बने और 2020 तक इस पद पर बने रहे. बीमारी के चलते उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि, वह नहीं चाहते कि उनकी बीमारी उनके निर्णय लेने में बाधा डाले और वह जापानी लोगों से अपना कार्यकाल पूरा न करने के लिए माफी मांगे. आबे कई सालों से अल्जाइमर कोलाइटिस से पीड़ित थे. जिसके बाद उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उन्होंने पद छोड़ दिया. उनकी जगह योशीहिदे सुगा नए पीएम बने.

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