आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर हर घर तिरंगा लगाना हमारी शान होगी : राजा सैफी

गाजियाबाद। संवाददाता। हमें आजादी कैसे मिली, अंग्रेजों ने लंबे समय तक भारत पर अपना राज किया और भारतीयों को अपना गुलाम बनाकर रखा, साल 1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों ने एक बहुत बड़े क्रांति की शुरुआत की जो बाद में काफी निर्णायक साबित हुई, बगावत एक असरदार पूरे देश में देखने को मिली परिणाम स्वरूप कई संगठन उभर कर सामने आए, देश को अंग्रेेजों से मुक्त करवाने के लिए देश के वीर सपूत आगे आए और अपनी जान की परवाह किए बिना अंग्रेजों से भिड़ गए इसमें कई वीर सपूत शहीद हुए, कई नेताओं को जेल जाना पड़ा और तब जाकर कहीं हमें ये आजादी मिली, 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, अब हमें देश की मिट्टी से जुड़ने एवं राष्ट्रीय एकता की भावात्मक पहल को बढ़ावा देना है, मोदी जी की हर-घर तिरंगा योजना लाजबाब है, गाजियाबाद के समाजसेवी राजा सैफी कहते हैं कि इस आजादी का महत्व बहुत बड़ा है और इस महत्व को हमें किसी भी सूरत में भूलना नहीं चाहिए, इस 15 अगस्त को हर व्यक्ति को अपने-अपने घर पर तिरंगा जरूर लगाना चाहिए, उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा चलाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान में भागीदार बनें साथ ही और लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करें,
“आइए आजादी का अमृत महोत्सव मनाएं, और 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा फहराएं,,
भारत को आजाद हुए पूरे 75 वर्ष हो चुके हैं, और हर वर्ष 15 अगस्त के दिन देश अपना स्वतंत्रता दिवस (Independence day) मनाता है, यह दिन होता है उन वीरों जवानों को याद करने का होता है जिन्होंने देश को अंग्रेजों से गुलामी से आजादी दिलाने को अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था, 15 अगस्त 1947, को हमें ब्रिटिश शासन के 200 सालों के राज से आजादी मिली थी, तब से हर वर्ष 15 अगस्त के दिन देश आजादी के इस पावन पर्व को सेलिब्रेट करता है, लेकिन हमें यह बात कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमरे लिए इस आजादी का महत्व इतना बड़ा है कि हमें इस दिन का इंतजार रहना चाहिए कि 15 अगस्त को हम सब यह ना भूलें कि यह दिन हमें गुलामी से आजाद करा गया, और आजादी के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानी दी थी, देश को आजादी दिलाने के लिए लाखों वीरों ने अपने प्राणों की हंसते-हंसते कुर्बानी दी और देश के लिए संघर्ष किया, देश को आजाद कराने में भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, बालगंगाधर तिलक, सुखदेव, सरदार वल्लभभाई पटेल, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी जैसे अनेक वीरों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा, जिन्होंने अंग्रेजों को खदेड़ने में जी जान लगा दी, आज हम स्वतंत्रता सेनानियों की वजह से आजाद हैं अगर उन्होंने आजादी की पहल नहीं की होती तो आज भी हम अंग्रेजो के गुलाम होते, स्वतंत्रता दिवस का इतिहास 15 अगस्त, 1947 में ब्रिटिश शासन से भारत को आजदी मिल गई थी, अब इसे भारत के पुनर्जन्म जैसा माना जाना चाहिए, यह वह दिन है जब अंग्रेजों ने भारत को छोड़ दिया था, और इसकी बागडोर हिन्दुस्तानी नेताओं के हाथ में आई, 15 अगस्त 1947 को पहली बार देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया और भाषण दिया, उस दिन से लगातार हर वर्ष 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं और देश की जनता को संबोधित इस बात का महत्व बताते हैं।

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