महाशिवरात्रि पर्व पर उमड़ी भक्तों की भीड़, औषधियों, भस्म से अभिषेक और जलाभिषेक
रायपुर।राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी शिव मंदिरों में महाशिवरात्रि पर्व पर शनिवार सुबह से भक्तों की भीड़ है।छत्तीसगढ़ के प्रयाग कहे जाने वाले राजिम सहित रायपुर के हटेकश्वर महादेव, बूढ़ेश्वर महोदव के साथ शहर के अलग-अलग शिवालयों में सुबह से शिवभक्तों जुटे हैं ।
राजधानी में 10 से अधिक शिव मंदिरों में भोलेनाथ की बरात निकालने की तैयारी है।महाशिवरात्रि पर अलसुबह श्रद्धालुओं ने खारुन नदी में पुण्य स्नान कर हटकेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना कर परिवार की खुशहाली की कामना की।राजिम के महानदी में भी भक्तों ने स्नान कर भगवान कुलेश्वरनाथ के दर्शन-पूजन किए.
शिव मंदिरों में सुबह से ही औषधियों, भस्म से अभिषेक और जलाभिषेक का सिलसिला प्रारंभ है ।आधी रात को महानिशीथ काल में विशेष पूजा-अर्चना, महाआरती और प्रसाद वितरण किया जाएगा।
राजधानी के महादेवघाट स्थित हटकेश्वर महादेव, बूढ़ापारा के बूढ़ेश्वर मंदिर, शंकरनगर स्थित सुरेश्वर महादेवपीठ, कटोरातालाब के योगेश्वर महादेव, मोतीबाग के बैजनाथधाम, मठपारा और नहरपारा के नीलकंठेश्वर समेत 25 से अधिक शिव मंदिरों में हवन, पूजन, रुद्राभिषेक, महाभंडारा प्रसादी का आयोजन किया गया है।
ज्योतिषाचार्य डा.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार 18 फरवरी को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात्रि 8.02 बजे तक है। इसके पश्चात चतुर्दशी तिथि है। शाम 5.40 बजे तक उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और फिर चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र है। चतुर्दशी और श्रवण नक्षत्र की युति पर शिवरात्रि मनाने का विधान है। उदयकालीन त्रयोदशी और रात्रिकाल की चतुर्दशी शिवरात्रि के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। इस साल 30 वर्ष बाद शनि के स्वग्रही सूर्य की युति में रहते उच्च के शुक्र और गुरु की श्रेष्ठ अवस्था है। यह दुर्लभ संयोग है। इस दिन प्रदोष व्रत का योग है।जो विशेष तौर पर लाभदायी है ।