Importance of Quality Education: हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नैक पर चर्चा

Importance of Quality Education: हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय ने इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (IQAC) के तत्वावधान में “इम्पोर्टेंस ऑफ क्वालिटी एजुकेशन: ए रोडमैप टू एक्सीलेंस थ्रू नैक” विषय पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं और मानकों पर चर्चा करना था, जिसमें नैक (NAAC) की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया।

गुणवत्ता एक सतत प्रक्रिया, अंतिम लक्ष्य नहीं

सत्र के मुख्य वक्ता, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी जयपुर के प्रोफेसर (डॉ.) अरविंद कुमार अग्रवाल ने गुणवत्ता को एक सतत और अनिवार्य प्रक्रिया बताया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता का मतलब केवल अंतिम परिणाम नहीं है, बल्कि यह प्रतिस्पर्धा में बने रहने और सतत विकास के लिए एक आवश्यक प्रक्रिया है। डॉ. अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि पाठ्यक्रम, शिक्षण, शोध और छात्र सहयोग के समन्वित प्रयासों से ही गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने विश्वविद्यालय में समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया, जिसमें सभी हितधारकों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भागीदारी अनिवार्य है।

नैक मूल्यांकन के लिए महत्वपूर्ण कारक

प्रोफेसर अग्रवाल ने नैक मूल्यांकन में पेटेंट, गवर्नेंस और प्रशासनिक प्रावधानों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने महिलाओं के लिए क्रेच सुविधा और दिव्यांगों के लिए रैंप व्यवस्था जैसी सुविधाओं को गुणवत्ता मापन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने एलुमनाई एसोसिएशन को सोसाइटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत करने के लाभों के बारे में भी बताया, जिससे विश्वविद्यालय और पूर्व छात्रों के बीच संबंध मजबूत होते हैं।

पेशे के प्रति प्रेम ही गुणवत्ता का आधार

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) सुधि राजीव ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता की निरंतरता और समर्पण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता तब आती है जब व्यक्ति अपने पेशे से प्यार करता है, और यह सुधार एक प्रक्रिया है, लक्ष्य नहीं। उन्होंने शिक्षकों को अपने कार्य के प्रति समर्पण बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

अपनत्व की भावना और क्षमता विकास पर जोर

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार भंवर लाल मेहरड़ा ने समापन अवसर पर सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने शिक्षकों से विश्वविद्यालय के प्रति अपनत्व की भावना रखने और सीमित संसाधनों में अधिकतम कार्य क्षमता विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय भविष्य में बेहतर नैक मूल्यांकन प्राप्त करेगा।

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इस विशेष सत्र में विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोधार्थी, छात्र और प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस दौरान विश्वविद्यालय पर निर्मित एक वृत्तचित्र भी प्रदर्शित किया गया, जिसे सभी ने सराहा। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की शिक्षिका अनीषा सिंह ने किया।

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