IIT Delhi Training Program: बिहार के इंजीनियर अब आईआईटी दिल्ली से सीखेंगे पुल बनाना, AI की मदद से बनेंगे मजबूत ब्रिज
IIT Delhi Training Program: बिहार में लगातार हो रहे पुल गिरने की घटनाओं के बाद, राज्य सरकार ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नीतीश कुमार की सरकार ने अपने इंजीनियरों को तकनीकी रूप से बेहतर बनाने के लिए देश के शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) के साथ हाथ मिलाया है। इस साझेदारी के तहत, अब बिहार के इंजीनियर पुल निर्माण, डिजाइन और रखरखाव की विशेष ट्रेनिंग लेंगे।
6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स
इस नई पहल के अंतर्गत, आईआईटी दिल्ली 6 महीने का एक सर्टिफिकेट प्रोग्राम शुरू कर रहा है। इस कोर्स का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके पुलों के डिजाइन, निर्माण और रखरखाव में इंजीनियरों को विशेषज्ञ बनाना है। इसमें 100 से अधिक सरकारी इंजीनियरों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
- क्या सिखाया जाएगा: इस ट्रेनिंग में इंजीनियरों को ड्रोन, सेंसर और एआई टूल्स का उपयोग करके पुलों की स्थिति का मूल्यांकन करना सिखाया जाएगा।
- उद्देश्य: इस प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य पुल निर्माण में निजी सलाहकारों पर निर्भरता को कम करना और राज्य के इंजीनियरों को अधिक कुशल बनाना है।
सितंबर 2025 से होगी शुरुआत
यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार राज्य पुल प्रबंधन एवं रखरखाव नीति 2025 का हिस्सा है, जिसे हाल ही में बिहार सरकार ने मंजूरी दी थी। इस नीति का उद्देश्य राज्य में पुलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अतिरिक्त, ऐसी ही एक और ट्रेनिंग के लिए इंडियन एकेडेमी ऑफ हाईवे इंजीनियर्स (IAHE) के साथ भी बातचीत चल रही है, ताकि पुल निर्माण के लिए एक विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम तैयार की जा सके।
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ब्रिज डिजाइन सेल की स्थापना
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि इस प्रशिक्षण के अलावा, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (BRPNNL) के अंतर्गत एक ब्रिज डिजाइन सेल की स्थापना की जाएगी। इस सेल का कार्य पुलों, पुलिया (culverts) और रिटेनिंग दीवारों के डिजाइन तैयार करना होगा। सरकार का मानना है कि इस पहल से सालाना 65 करोड़ रुपये की बचत होगी और पुलों के निर्माण में लगने वाले समय में भी कमी आएगी।