Codeine Cough Syrup: ‘पीएम के संसदीय क्षेत्र से चला कफ सिरप घोटाला, हजारों करोड़ का रैकेट’, अखिलेश यादव का बीजेपी पर आरोप

Codeine Cough Syrup: अखिलेश यादव ने बीजेपी पर कफ सिरप घोटाले को छिपाने का आरोप लगाया। बोले—पीएम के संसदीय क्षेत्र से हजारों करोड़ का कोडीन रैकेट चला।

Codeine Cough Syrup: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कफ सिरप (कोडीन) घोटाले को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दावा किया कि अवैध कफ सिरप का यह रैकेट प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से शुरू हुआ और यह मामला सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों करोड़ रुपये का है।

अखिलेश यादव ने कहा कि एक राज्य का मुख्यमंत्री झूठ बोलता है और उसके साथ खड़े लोग भी झूठ बोलते हैं। आप सोच भी नहीं सकते कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से अवैध कफ सिरप का कारोबार चल रहा है। यह सिर्फ राज्य नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का रैकेट है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह घोटाला जितना दिखाया जा रहा है, उससे कहीं अधिक बड़ा है और इसमें करीब 700 कंपनियों की संलिप्तता बताई जा रही है। अखिलेश ने कहा कि इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ बुलडोजर जैसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों।

बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सरकार समाजवादी पार्टी को बदनाम करने के लिए चुनिंदा तस्वीरों का सहारा ले रही है। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि अगर किसी के साथ फोटो खिंचवाने से कोई माफिया बन जाता है, तो मेरे पास भी मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों और कई बीजेपी नेताओं के साथ तस्वीरें हैं। तब माफिया कौन हुआ?

सीएम योगी ने लगाया था आरोप

अखिलेश यादव की यह प्रतिक्रिया उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी पर कोडीन कफ सिरप तस्करी से जुड़े माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा पकड़े गए कुछ आरोपी समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य के अधिकांश माफियाओं के तार सपा से जुड़े हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अवैध कफ सिरप तस्करी के खिलाफ NDPS, STF और FSDA मिलकर कार्रवाई कर रहे हैं। योगी ने स्पष्ट किया कि कोडीन फॉस्फेट NDPS एक्ट के तहत ड्रग है और इसका उपयोग केवल अधिकृत दवा निर्माताओं को ही केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा तय कोटे के तहत करने की अनुमति होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगहों पर कोडीन युक्त कफ सिरप का नशे के तौर पर दुरुपयोग किया जा रहा था, जिस पर सरकार ने सख्त कार्रवाई की है।

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