Balance of Regulations: वित्त मंत्री ने विनियमन और स्वतंत्रता के बीच संतुलन की आवश्यकता पर दिया जोर
Balance of Regulations: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए विनियमन और स्वतंत्रता के बीच संतुलित दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है। उन्होंने नियामक संस्थाओं से आग्रह किया कि वे बाजार में हो रहे परिवर्तनों का पूर्वानुमान लगाएं और प्रासंगिक बने रहें।
सीतारमण भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के 16वें वार्षिक दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि नियामक ढांचा ऐसा होना चाहिए, जो प्रतिस्पर्धा को प्रभावित किए बिना विलय एवं अधिग्रहण जैसे मामलों को शीघ्रता से अनुमोदन प्रदान कर सके।
वित्त मंत्री ने सीसीआई की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि बदलते बाजार परिदृश्यों के अनुरूप ढलना और निष्पक्ष व्यापार व्यवहार को बढ़ावा देना आयोग की प्राथमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि नियामक प्रक्रियाओं को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाना चाहिए, ताकि व्यापारिक निर्णयों में अनावश्यक विलंब न हो।
इस अवसर पर वित्त मंत्री ने सार्वजनिक खरीद अधिकारियों के लिए एक नवीन टूलकिट भी जारी किया। कार्यक्रम में सीसीआई अध्यक्ष रवनीत कौर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित थे। समारोह में संयोजनों से संबंधित प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से एक एफएक्यू दस्तावेज़ भी जारी किया गया, जिससे उत्तरदायी और प्रभावी प्रतिस्पर्धा नियमन की आवश्यकता पर बल मिला।
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सीतारमण ने अपने संबोधन में दोहराया कि प्रतिस्पर्धात्मक पारदर्शिता और आर्थिक समावेशन के लिए नियमन एवं उदारीकरण के बीच उचित संतुलन अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सीसीआई द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान को बाजार की गति के अनुरूप अपने दृष्टिकोण और कार्यप्रणाली में लचीलापन बनाए रखना चाहिए।