Delhi Blast : एनआईए ने उमर उन नबी के ‘सक्रिय सह-षड्यंत्रकारी’ जसीर बिलाल वानी को श्रीनगर से दबोचा
Delhi Blast : लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में बड़ी कार्रवाई। एनआईए ने उमर उन नबी के सक्रिय सह-षड्यंत्रकारी जसीर बिलाल वानी को श्रीनगर से गिरफ्तार किया।
Delhi Blast : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लाल किले के निकट हुए भीषण कार विस्फोट की जांच में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के प्रमुख सहयोगी जसीर बिलाल वानी को श्रीनगर से गिरफ्तार किया है। इस विस्फोट में 13 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, अनंतनाग के काज़ीगुंड निवासी वानी, जो ‘दानिश’ नाम से भी जाना जाता है; ने हमले की योजना को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराते हुए अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वह ड्रोन में बदलाव करने और रॉकेट तैयार करने की कोशिश में भी शामिल था।
एजेंसी ने बयान में स्पष्ट किया कि वानी ने उमर उन नबी के साथ मिलकर आतंकी हमले की विस्तृत योजना बनाई थी और कई महीनों तक लगातार संपर्क में रहा।
एनआईए की टीमें वर्तमान में इस अंतरराज्यीय आतंकवादी नेटवर्क के विभिन्न पहलुओं की गहन जांच कर रही हैं। कई राज्यों में छापेमारी की जा रही है ताकि इस हमले में शामिल सभी व्यक्तियों की पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।
ब्रेनवॉश, आत्मघाती मिशन और ध्वस्त हुई योजना
राजनीति विज्ञान स्नातक वानी को उमर ने कई महीनों तक ब्रेनवॉश कर आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार किया था।
पूछताछ में उसने बताया कि उसकी मुलाकात “डॉक्टर मॉड्यूल” से कुलगाम की एक मस्जिद में हुई थी, जहाँ से उसे फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में किराए के मकान में ले जाया गया।
हालांकि आर्थिक संकट और इस्लाम में आत्महत्या को हराम मानने के कारण वह अप्रैल 2025 में अपनी योजना से पीछे हट गया।
आतंकी नेटवर्क की परतें खुलती गईं
इस नेटवर्क की जड़ें जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़ी पाई जा रही हैं। अधिकारियों के अनुसार, “डॉक्टर उमर” इस नेटवर्क का सबसे कट्टरपंथी सदस्य था और 6 दिसंबर (बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी) के आसपास बड़े आत्मघाती विस्फोट की योजना बना रहा था।
उमर और सह-आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनई ने तुर्किये की यात्रा के बाद भारी मात्रा में विस्फोटक रसायन इकट्ठे किए, जिनमें 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे। गनई की गिरफ्तारी और विस्फोटक बरामद होने के बाद उमर की योजना ध्वस्त हो गई, जिसके बाद लाल किले के बाहर असमय हुए विस्फोट में उसकी मौत हो गई।
पोस्टरों से खुला नेटवर्क, कश्मीर से लेकर यूपी-हरियाणा तक फैला जाल
19 अक्टूबर को श्रीनगर के बनपोरा और नौगाम में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर मिलने के बाद इस नेटवर्क की परतें खुलनी शुरू हुईं।
सीसीटीवी जांच के बाद तीन स्थानीय युवकों और फिर एक इमाम इरफान अहमद की गिरफ्तारी ने आतंकी मॉड्यूल की गतिविधियों पर महत्वपूर्ण सुबूत उपलब्ध कराए।
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एनआईए अब नेटवर्क के अन्य सदस्य और संभावित ठिकानों की पहचान में जुटी है।


