Hartaalika Teej 2025: हरतालिका तीज की पूजा में 16 पत्तियां क्यों चढ़ाई जाती हैं? जानें इसके पीछे का धार्मिक कारण

Hartaalika Teej 2025: वैदिक पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज का त्योहार आज यानी 26 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अविवाहित लड़कियां मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। इस पर्व पर भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। इस पूजा में 16 तरह की पत्तियों का प्रयोग करना बहुत शुभ माना जाता है, जिससे पूजा का पूर्ण फल मिलता है।

पूजा में 16 तरह की पत्तियां क्यों?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को ये 16 तरह की पत्तियां अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इन पत्तियों को चढ़ाना सुख, सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। ये पत्तियां विशेष रूप से प्राकृतिक और पवित्र मानी जाती हैं, जो पूजा की शुद्धता को बढ़ाती हैं।

शिव जी को चढ़ाए जाने वाली 16 पत्तियां

हरतालिका तीज की पूजा में शिवजी को जो 16 प्रकार की पत्तियां अर्पित की जाती हैं, वे हैं:

  1. आम के पत्ते
  2. बिल्वपत्र
  3. शमी के पत्ते
  4. कनेर के पत्ते
  5. नीम
  6. अशोक के पत्ते
  7. भृंगराज
  8. जातीपत्र
  9. बांस के पत्ते
  10. केले के पत्ते
  11. अगस्त्य
  12. सेवंतिका
  13. देवदार पत्र
  14. पान के पत्ते
  15. धतूरा
  16. चंपा

शिव जी को प्रसन्न करने के अन्य उपाय

हरतालिका तीज के दिन आप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ और उपाय भी कर सकते हैं:

  • केसर चढ़ाएं: पूजा के दौरान शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सभी मुरादें पूरी करते हैं।
  • गन्ने के रस से अभिषेक: अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं, तो भगवान शिव का गन्ने के रस से अभिषेक करें। ऐसा करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।

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पूजा के समय इन बातों का रखें ध्यान

पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

  • तांबे के लोटे का प्रयोग: शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय केवल तांबे के लोटे का ही उपयोग करें।
  • मंत्र जाप: इस दौरान लगातार “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते रहें।
  • प्लास्टिक से बचें: पूजा में किसी भी तरह के प्लास्टिक के बर्तन का प्रयोग न करें। इन नियमों का पालन करने से आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होगा।

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