New York: भारत का यूएन मे ऐलान- हम अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करेंगे

New York: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की 80वीं बैठक में अंतरिक्ष क्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया है। ‘बाह्य अंतरिक्ष’ विषय पर आयोजित पहली समिति की बहस में भारत ने स्पष्ट किया कि वह मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ की तैयारी कर रहा है और जल्द ही भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है।

भारत की अंतरिक्ष शक्ति का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन

भारत की ओर से वरिष्ठ सलाहकार अनमोल शेर सिंह बेदी ने प्रतिनिधित्व करते हुए कहा, “भारत एक प्रमुख अंतरिक्ष-यात्रा करने वाला देश है। हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम में विकासात्मक और सुरक्षा दोनों आयाम शामिल हैं। 2023 में हमने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक यान उतारा था, और अब हम गगनयान के ज़रिए मानव को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत का मानना है कि बाह्य अंतरिक्ष सभी का है, और इसे शांतिपूर्ण और जिम्मेदार तरीके से उपयोग किया जाना चाहिए। भारत की सोच “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के सिद्धांत पर आधारित है।

अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ पर भारत की चिंता

बेदी ने अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ को रोकने के प्रयासों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस विषय पर वैश्विक स्तर पर मतभेद रहे हैं और आज भी हैं। भारत ने PAROS (Prevention of Arms Race in Outer Space) पर 2018-19 और 2023-24 में आयोजित जीजीई (Group of Governmental Experts) बैठकों में सक्रिय भागीदारी की है, जहां एक रिपोर्ट को सफलतापूर्वक अपनाया गया।

भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता

भारत ने ‘जिम्मेदार व्यवहार के माध्यम से अंतरिक्ष खतरों को कम करने’ पर आयोजित ओईडब्ल्यूजी (Open-Ended Working Group) में भी रचनात्मक भूमिका निभाई है। निरस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत के स्थायी मिशन के अनुसार, बेदी ने यह भी कहा कि बाह्य अंतरिक्ष में बल प्रयोग की संभावित सीमाओं पर व्यापक विचार आवश्यक है।

उन्होंने स्पष्ट किया: “भारत अंतर्राष्ट्रीय कानूनी ढांचे को मजबूत करने और सुरक्षा, संरक्षा एवं स्थिरता को बढ़ाते हुए बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देने के लिए पूरी तरह तैयार है।” “भारत अंतर्राष्ट्रीय कानूनी ढांचे को मजबूत करने और सुरक्षा, संरक्षा एवं स्थिरता को बढ़ाते हुए बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयासों में योगदान देने के लिए पूरी तरह तैयार है।”

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भारत का यह रुख न केवल उसकी तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक मंच पर उसकी जिम्मेदार भूमिका और शांतिपूर्ण दृष्टिकोण को भी उजागर करता है। आने वाले वर्षों में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और गगनयान मिशन भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में स्थापित करने की दिशा में अहम कदम साबित होंगे।

(रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी) 

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