Net direct tax collection: शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 1.39% घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये, अग्रिम कर संग्रह में सुस्ती मुख्य कारण
Net direct tax collection: चालू वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में सरकार को शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट का सामना करना पड़ा है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, 1 अप्रैल से 19 जून, 2025 के बीच शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह घटकर 4.59 लाख करोड़ रुपये रह गया है, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 1.39% कम है। यह गिरावट मुख्यतः अग्रिम कर संग्रह में अपेक्षाकृत धीमी वृद्धि के कारण देखी गई है।
हालांकि, सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 4.86% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस अवधि में बढ़कर 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा 5.19 लाख करोड़ रुपये था।
प्रमुख आंकड़े:
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शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह:
2024: ₹4.65 लाख करोड़
2025: ₹4.59 लाख करोड़ (1.39% की गिरावट) -
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह:
2024: ₹5.19 लाख करोड़
2025: ₹5.45 लाख करोड़ (4.86% की वृद्धि) -
अग्रिम कर संग्रह:
2024: ₹1.50 लाख करोड़ लगभग
2025: ₹1.56 लाख करोड़ (3.87% की वृद्धि)
(पिछले वर्ष वृद्धि दर 27% थी) -
कॉर्पोरेट कर संग्रह:
गिरावट: 5% से अधिक, संग्रह लगभग ₹1.73 लाख करोड़ -
गैर-कॉर्पोरेट कर संग्रह (मुख्यतः व्यक्तिगत आयकर):
मामूली वृद्धि: 0.7%, संग्रह ₹2.73 लाख करोड़ -
प्रतिभूति लेनदेन कर (STT):
वृद्धि: 12%, संग्रह ₹13,013 करोड़
रिफंड वितरण में तेज़ी:
इस वित्त वर्ष में अब तक रिफंड वितरण में 58% की बढ़ोतरी देखी गई है। ₹86,385 करोड़ रुपये की रिफंड राशि करदाताओं को जारी की जा चुकी है, जो पिछले वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है।
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वित्त मंत्रालय ने 19 जून तक के प्रत्यक्ष कर संग्रह और अग्रिम कर संग्रह के आंकड़े जारी किए हैं। यह स्पष्ट है कि कॉर्पोरेट क्षेत्र से कर संग्रह में कमी और अग्रिम कर में धीमी वृद्धि ने शुद्ध संग्रह पर असर डाला है, जबकि व्यक्तिगत आयकर और STT में सकारात्मक रुझान बना हुआ है।