मंकीपॉक्स के मद्देनजर तमिलनाडु के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश

चेन्नई : तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि देश में मंकीपॉक्स के दस्तक देने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता और राज्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों को रोग के संबंध में निगरानी बढ़ाने की सलाह दी गई है. साथ ही संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को उन यात्रियों के नमूने एकत्र करने के निर्देश दिये गए हैं, जिनमें मंकीपॉक्स से प्रभावित देशों से आने के बाद इस बीमारी के लक्षण दिखाई दिये हैं. सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं निवारक चिकित्सा निदेशक टी. एस. सेल्वाविनयगम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आगमन के बाद स्वास्थ्य अधिकारी बीमार यात्रियों को पृथक कर सकते हैं.

उनके नमूनों को आगे की जांच के लिये पुणे में स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेज सकते हैं. उन्होंने एक बयान में कहा कि हवाई अड्डे के स्वास्थ्य अधिकारी, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), चेन्नई, कोयंबटूर, तिरुचिरापल्ली, सेलम, मदुरै और तूतीकोरिन के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से अनुरोध किया गया है कि बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकावट के लक्षण वाले किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्री के नमूनों की सख्ती से जांच की जानी चाहिये. सेल्वाविनयगम ने कहा कि 20 मई तक, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में मंकीपॉक्स रोग के मामले सामने आ चुके हैं. हालांकि, इससे किसी की मौत नहीं हुई. उन्होंने कहा कि भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन देश में इस बीमारी के दस्तक देने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.

क्या है मंकीपॉक्स वायरस : मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, आमतौर पर हल्के संक्रमण वाला वायरस है. यह आमतौर पर अफ्रीका के कुछ हिस्सों में संक्रमित जंगली जानवरों में पाया गया था. साल 1958 में पहली बार एक बंदर को अनुसंधान के लिए रखा गया था, जहां पहली बार इस वायरस की खोज हुई थी. इंसानों में पहली बार इस वायरस की पुष्टि साल 1970 में हुई थी. यूके की एनएचएस वेबसाइट के अनुसार, यह रोग चेचक के वंश का है, जो अक्सर चेहरे पर शुरू होने वाले दाने का कारण बनता है.

Related Articles

Back to top button