लखनऊ: शिशुओं की मौत पर गंभीर नहीं क्वीन मैरी अस्पताल, जानें क्या बोले जिम्मेदार
लखनऊ। केजीएमयू स्थित क्ववीन मैरी अस्पताल प्रशासन बच्चों की मौत पर गंभीर नहीं है, डॉक्टरों की लापरवाही के चलते अब तक कई बच्चों की जान जा चुकी है। इस मामले में अमृत विचार की ओर से जब शनिवार को पड़ताल की गयी तो हकीकत सामने आ गयी। यहां शनिवार को दो नवजात शिशुओ की मौत हो गयी। परिजन डॉक्टरों से मिलने की गुहार लगाते रहें लेकिन यहां सुरक्षा में तैनात गार्डों ने मिलने तक नहीं दिया। इस संबंध में जब क्ववीन मैरी की चिकित्सा अधीक्षक से बात की गयी तो उन्होंने साफ कह दिया हमारी इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं है, न ही ये मेरा काम है। उन्होंने बातचीत में कहा कि हम कोई सरकारी अस्पताल नहीं है जो सफाई देते रहेंगे।
डॉक्टर मिलने नहीं दे रहे: नूरबानो
सदर निवासी नूरबानो ने बताया कि शुक्रवार को गर्भवती भाभी रूबीना (35) को क्ववीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन डॉक्टरों ने समय से इलाज नहीं दिया और जन्म से पहले ही बच्चे की मौत हो गई। रूबीना ने बताया कि उसकी भाभी की स्थिति ठीक नहीं है। वहीं पीडित महिला रूबीना के पति मोवीन जब पत्नी को देखने पहुंचे तो डॉक्टरों ने देखने भी नहीं दिया।
अचानक मृत बच्ची पैदा होने की जानकारी दी: संजय
रायबरेली के मूल निवासी संजय सिंह (40) चारबाग में किराये पर रहकर अपना जीवन यापन करते हैं, शनिवार को दिन में अपनी 32 वर्षीय गर्भवती पत्नी राधा सिंह को इलाज के लिए क्ववीन मैरी अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टरों ने खून की कमी बतायी, तो खून चढ़वाया गया। इसके बाद दोपहर अचानक ही बता दिया कि मृत बच्ची पैदा हुई है। डॉक्टरों से बात करने का प्रयास किया गया तो मिलने नहीं दिया गया।
जूनियर डॉक्टर संभाल रहे जिम्मेदारी, सीनियर गायब
वहीं अस्पताल के अन्य कर्मचारियों ने बताया कि अस्पताल में जमकर लापरवाही होती है, अभी इस इस तरह से कई बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन यहां के सीनियर डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजता है। यहां के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां की चिकित्सा अधीक्षक आये कभी समय से आती नहीं है न ही मरीजों से कभी सही से बात करती हैं। जूनियर डॉक्टरों के सहारे पूरी व्यवस्था को संभाला जा रहा है।
मामला मेरे संज्ञान में नहीं है, मैं छुट्टी पर हूं और एक-एक मरीज का हिसाब रख पाना संभव नहीं होता है, और ये कोई जिला अस्पताल नहीं है जो सारी जानकारी दी जाये, ऐसे मरीज बहुत आते हैं।
एसपी जयसवार चिकित्सा अधीक्षक क्ववीन मैरी