सेवा भारती की बड़ी पहल, परित्यक्त बच्चे को बेहतर जीवन देती है मातृछाया

नई दिल्ली। दिल्ली के मियांवाली नगर में अनाथ बच्चों की देखभाल करने वाली संस्था मातृछाया में रविवार को एक छह माह की बच्ची को एक दम्पति ने गोद लिया। परित्यक्त और निराश्रित बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से संचालित मातृछाया सेवा भारती दिल्ली प्रांत का एक प्रकल्प है परित्यक्त शिशुओं के लिए घर उपलब्ध कराना पहल के पीछे सेवा भारती का मुख्य उद्देश्य है।

2002 से मातृछाया कई शिशुओं का घर रहा है। इन बच्चों को अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों और दूसरी कई जगह में छोड़ दिया जाता है। इन शिशुओं को मातृछाया द्वारा पालन पोषण किया जाता है। साथ ही निसंतान दंपति को उचित कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से शिशुओं को गोद लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है। मातृछाया ने निराश्रित शिशुओं और निःसंतान दंपतियों के बीच की खाई को पाट दिया।

अब तक 353 परित्यक्त शिशुओं को परिवारों द्वारा गोद लिया गया है। मातृछाया ने निराश्रित शिशुओं के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सेवा भारती ने अपने माता-पिता से बिछड़े लापता बच्चों के माता-पिता को खोजने और उन्हें वापस लाने में भी मदद की है। सेवा भारती की स्वयं से पहले सेवा की भावना और कल्याण की भावना के कारण अब तक 52 बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया गया है। सेवा भारती अलग-अलग अनाथालयों में परित्यक्त बच्चों के पुनर्वास में भी मदद करती है। 30 बच्चों को 6 साल से कम उम्र के प्रतिबंध और अन्य चिकित्सा और स्वास्थ्य मुद्दों के कारण मातृछाया से अन्य अनाथालयों में स्थानांतरित किया गया है।

मातृछाया का संचालन दान से प्राप्त धन और अन्य चीजों कपड़ों, दवाओं और किताबों आदि से होता है। मातृछाया को गोद लिए हुए बच्चे अपना घर मानते हैं। वो अपना जन्मदिन मनाने और खुशियां फैलाने के लिए मातृछाया आते हैं। मातृछाया परिसर आसपास के निराश्रित बच्चों के लिए छोटे से शिक्षा केंद्र “शिशु वाटिका” के रूप में भी काम करता है। लगभग 40 बच्चे नियमित रूप से पढ़ते हैं। यहां सांस्कृतिक मूल्यों और सेवा की भावना और कल्याण की भावना पैदा करने की शिक्षा दी जाती है।

गोद लेने की ऐसी ही एक रस्म में हिमाचल प्रदेश के एक दंपति ने 6 महीने के बच्चे को गोद लिया। दत्तक ग्रहण समारोह में डीके शुक्ला एसएचओ मियांवाली नगर, व्यवसायी कुलदीप कोहली और उपाध्यक्ष सेवा भारती दिल्ली प्रांत संजय जिंदल, योगेश गर्ग, प्रेम सागर भाटिया, राकेश कथूरिया, डॉ ज्योति कौर, नीरू महाजन और कई अन्य प्रमुख नागरिक शामिल हुए।

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