झारखंड: ओला-उबर कैब की तरह एक क्लिक पर आपके दरवाजे पर होगी एंबुलेंस,सरकार की बड़ी तैयारी

रांची। बीमार लोगों को अविलंब अस्‍पताल पहुंचाने के लिए झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट लॉन्‍च करने की तैयारी में है. झारखंड सरकार ओलो और उबर कैब एग्रीगेटर्स की तर्ज पर फ्री एप्‍प बेस्‍ड एंबुलेंस सेवा शुरू करने की योजना बना रही है. कोरोना काल में एंबुलेंस चालकों द्वारा जरूरतमंदों से अत्‍यधिक पैसे वसूलने की शिकायतों के बाद सरकार ने इस प्रोजेक्‍ट को शुरू करने का मन बनाया था. इस प्रोजेक्‍ट को जीवन दूत 108 इमर्जेंसी मेडिकल एंबुलेंस सेवा का नाम दिया गया है.

एप्‍प बेस्‍ड एंबुलेंस सर्विस शुरू होने से काम करने का मौजूदा तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा. फिलहाल 108 पर कॉल करने के बाद कॉल सेंटर द्वारा उसे नजदीक के एंबुलेंस चालक को ट्रांसफर कर दिया जाता है. ‘द टेलीग्राफ’ को झारखंड के अपर स्‍वास्‍थ्‍य सचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि हेल्‍थ डिपार्टमेंट एप्‍प बेस्‍ड एंबुलेंस सेवा के पहले चरण को शुरू करने के लिए तैयार है. उन्‍होंने कहा, ‘मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ स्‍वास्‍थ्‍य परियोजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान एप्‍प को लॉन्‍च करने के लिए समय मांगा जाएगा. झारखंड फ्री एप्‍प बेस्‍ड एंबुलेंस सेवा मुहैया कराने वाला देश का पहला राज्‍य होगा.’

ऐसे काम करेगा एप्‍प बेस्‍ड एंबुलेंस सेवा
एप्‍प बेस्‍ड एंबुलेंस सेवा के तहत सभी एंबुलेंस को GPS और GPRS से जोड़ा जाएगा. मोबाइल एप्‍प को झारखंड इमर्जेंसी मेडिकल एंबुलेंस सर्विस द्वारा संचालित 108 टॉल फ्री नंबर से लिंक किया जाएगा. इस सेवा का फायदा उठाने के लिए लाभार्थी को ओला और उबर की तरह ही इस एप्‍प को भी गूगल प्‍ले स्‍टोर से डाउनलोड करना होगा. मोबाइल फोन नंबर डालने के बाद OTP आएगा. इसे डालते ही संबंधित नंबर रजिस्‍टर्ड हो जाएगा और जीपीएस की मदद से लोकेशन शेयर हो जाएगा. कैब एग्रीगेटर की तरह ही लाभार्थी एंबुलेंस ड्राइवर से सीधे बात कर उन्‍हें रूट की जानकारी दे सकेंगे. इतना ही नहीं, इस एप्‍प में नजदीक के अस्‍पताल का विवरण भी होगा, ताकि जरूरतमंद सीधे डॉक्‍टर से भी बात कर सकेंगे.

पहले चरण में 330 एंबुलेंस से शुरुआत करने की योजना
डॉक्‍टर से नौकरशाह बने भुवनेश प्रताप सिंह ने इस प्रोजेक्‍ट का आइडिया दिया था. उन्‍होंने बताया कि 330 एंबुलेंस के साथ पहले चरण की शुरूआत की जाएगी. भुवनेश ने बताया कि हमलोग 108 आपात सेवा के अंतर्गत आने वाले 330 एंबुलेंस के साथ इस योजना को किसी भी दिन लॉन्‍च करने के लिए तैयार हैं. दूसरे चरण में इस प्रोजेक्‍ट को ममता वाहन परियोजना के साथ जोड़ दिया जाएगा. स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, ममता वाहन से फिलहाल तकरीबन 3,000 एंबुलेंस जुड़े हैं.

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