भाजपा बोली- अब शिक्षा में भी तुष्टिकरण की नीति अपना रही हेमंत सरकार

रांची। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष व सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकारी स्कूलों को लेकर वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव का बयान राज्य की शिक्षा व्यवस्था एवं शिक्षकों का अपमान है. राज्य सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुधारने की जिम्मेवारी है. परंतु यह सरकार अपनी जिम्मेवारियों से भागना चाहती है. शिक्षकों पर दोषारोपण कर सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने का प्रयास कर रही है. शिक्षा राज्य सूची का विषय है. राज्य के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था हो, बुनियादी ढांचा सुदृढ हो, विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति हो, शिक्षकों को शिक्षणकार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य में न लगाया जाए, ये सारी जिम्मेवारी राज्य सरकार की है. परंतु यह सरकार जिम्मेवारियों से मुंह मोड़ रही. इनकी चुनाव पूर्व की घोषणाएं ठंढे बस्ते में चली गई हैं.

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य के प्राइवेट स्कूल आम आदमी, गरीब, मजदूर और किसानों के बच्चों के लिये सुलभ नहीं है. राज्य की अधिकांश आबादी गांव में निवास करती है. और सुदूरवर्ती ग्रामीण, पहाड़ी, जंगली क्षेत्रों में सरकारी विद्यालय ही शिक्षा के साधन हैं. लेकिन सत्तामद में चूर राज्य सरकार के मंत्री, विधायक लगातार गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं.

दीपक प्रकाश ने कहा कि यह सरकार कोरोना में भी मरीजों की जान बचाने के लिये प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती होने को मजबूर किया. उसी प्रकार शिक्षा के लिये भी प्राइवेट स्कूलों में जाने के लिये बच्चों को मजबूर कर रही है. इससे सरकार की नीति और नियत स्पष्ट झलक रही है. एक तरफ वित्तमंत्री सरकारी स्कूलों की शिक्षा को कोस रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मदरसा के अनुदान के लिये नियमों में संशोधन की वकालत कर रहे हैं. राज्य सरकार के गठबंधन दलों में वोट बैंक और तुष्टिकरण की होड़ लगी हुई है. सरकार अंतर्विरोध से घिरी है. शिक्षा विभाग झामुमो के पास है. इसलिये झामुमो को वित्तमंत्री के बयान पर स्थित स्पष्ट करनी चाहिये.

Related Articles

Back to top button