जदयू में शामिल हुए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा “चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी करेगी “
बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले श्री गुप्तेश्वर पांडेय ने आज जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल होने के बाद कहा कि वह पार्टी के सिपाही हैं और उनके चुनाव लड़ने का फैसला भी वही करेगी।
श्री पांडेय ने जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद पार्टी कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह श्री नीतीश कुमार की नीतियों और कार्यों से प्रभावित होकर जदयू में शामिल हुए हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर श्री नीतीश कुमार ने हर तरह से पुलिस को सहयोग दिया है और कभी भी प्रशासनिक कार्यों में हस्तक्षेप नहीं किया।
पूर्व पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस सेवा के दौरान उन्हें जनता का प्रेम और सम्मान मिला है। पुलिस महकमे में रहते हुए जिस तरह वह जनता की सेवा कर रहे थे अब वह आगे जदयू के साथ जुड़कर उस सेवा को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अब आगे जैसा दल के नेताओं का आदेश होगा उसका पालन वह करेंगे ।
श्री पांडेय से जब उनके चुनाव लड़ने के संबंध में सवाल किया गया तब उन्होंने कहा कि वह पार्टी के सिपाही हैं। उन्हें चुनाव लड़ना है या नहीं इसका फैसला पार्टी ही करेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह से उनकी सेवा लेना चाहेगी वह उसके लिए तैयार हैं।
इससे पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1987 बैच के अधिकारी रहे श्री पांडेय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास पर जदयू की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि भारतीय पुलिस सेवा से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के श्री पांडे के आवेदन को गृह विभाग ने राज्यपाल के आदेश से 22 सितंबर को मंजूर कर लिया था। इसके बाद से ही कयास लगाया जा रहा है कि श्री पांडेय अब राजनीति में अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे।
पुलिस महकमे में श्री पांडे 33 साल सेवा दे चुके हैं। इस दौरान वह पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस उप महानिरीक्षक, महानिरीक्षक,अपर पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक तक के सफर में 26 जिलों में काम कर चुके हैं। श्री पांडे को 31 जनवरी 2019 को बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था और उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली ।