MP NEWS-मध्यप्रदेश में अरुण यादव व उमंग सिंघार को उपमुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन  

कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह उर्फ राजा साहब अपने रंग में आते जा रहे हैं। हाल ही में उनके खरगोन, धार, झाबुआ और मोहनखेड़ा के लगातार दौरे एवं कांग्रेसियों के साथ लागतार विचार-विमर्श, गहन मंथन, बातचीत एवं आवश्वासनों ने मानो कांग्रेस को संजीवनी बूटी देने का काम किया है।

MP NEWS-जैसे-जैसे मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 करीब आ रहे हैं, वैसे-वैसे कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले दिग्विजय सिंह उर्फ राजा साहब अपने रंग में आते जा रहे हैं। हाल ही में उनके खरगोन, धार, झाबुआ और मोहनखेड़ा के लगातार दौरे एवं कांग्रेसियों के साथ लागतार विचार-विमर्श, गहन मंथन, बातचीत एवं आवश्वासनों ने मानो कांग्रेस को संजीवनी बूटी देने का काम किया है। विभिन्न चेनहों और सेर्व में, कुछ में कांग्रेस को बढ़त एवं कुछ में भाजपा को बढ़त दिखाई जा रही है। कांग्रेसी हल्कों में ये चर्चा आम है कि कमलनाथ उम्रदराज ज्यादा हाने के कारण एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अपने पुत्र मोह होने के कारण इस बार कांग्रेस सरकार बनने की संभावना तभी बनेगी जब एक सिरे कांग्रेसी एकजुट होकर विधानसभा चुनाव 2023 में एक ही दिशा में कार्य करें। जिसकी अभी संभावना लगभग 40 प्रतिशत है।

इसके लिए अभी दिग्गी राजा ने कमलनाथ की बिसात पर अपने राजनीतिक मोहरे रखना एवं आगे बढ़ाना शुरु कर दिया है। उसका आगाज यह है। बदनावर में भंवर सिंह शेखावत के बारे में नेगेटिव फीडबैक आने पर महू से चुनाव लडऩे का मन बनाने को कहा जा रहा है क्योंकि महू में ठाकुर मतदाता बहुतायत में हैं साथ ही एपेक्स बैं के चेयरमैन के रूप में शेखावत ने आदिवासियों के बीच भी अपनी अच्छी पकड़ बनाई थी। बदनावर से बालमुकुन्द गौतम की धर्मपत्नी को लड़ाने का प्रस्ताव दिया जा रहा है, ताकि मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव की बिगड़ती साख के कारण चुनाव में पटखनी दी जा सके। इसी तरह धार में कुलदीप बुन्देला जो कि कमलनाथ कैम्प के सिपहसलार हैं, उन्हें धार विधानसभा से लड़ाया जा सकता है। दिग्गी राजा ने अरुण यादव को खरगोन विधानसभा से लडऩे का प्रस्ताव दिया है ताकि वर्तमान विधायक रवि जोशी जो अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी झेल रहे हैं (दंगों की आंच से) उन्हें बचाया जा सके। उन्हें बड़वाह विधासभा या दिमनी विधानसभा से जहां उन्होंने कांग्रेसी उम्मदीवार के इंचार्ज के रूप में काम किया था, से लड़ाया जा सके।

रवि जोशी बड़वाह और दिमनी विधानसभ में कहीं भी जीत सकते हैं, ऐसा कांग्रेसी चाणक्य का मानना है। इससे नरेन्द्र सिंह तोमर जैसे हैवीवेट केन्डीडेट को उनके ही विधानसभा चुनावी रण में बांधा जा सकता है। चूंकि दिमनी में पिछली बार कांग्रेसी उम्मीदवार 19 हजार वोटों से दिमनी चुनाव जीता था। रवि जोशी का इस चुनाव के बाद कद बढऩा तय है। चूंकि बदनावर, धार, खरगोन एवं महू के धाकड़ एवं भविष्य के होने वाले कांग्रेसी उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक माने जाते हैँ। इसीलिए चाणक्य ने यहां की कमान अपने हाथों में ले ली है।  

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