पॉक्सो एक्ट में सजा काट रहे युवक को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी बेल, कही ये बड़ी बात
मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीते गुरुवार को बड़ा फैसला देते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराए गए 19 वर्षीय एक युवक को जमानत दी। इतना ही नहीं कोर्ट ने युवक के सजा को भी सस्पेंड कर दिया। बता दें कि इस युवक पर सितंबर 2017 में अपनी ही 15 वर्षीय कजन से रेप करने का आरोप था। अपने आदेश में जस्टिस संदीप के शिंदे ने उल्लेख किया कि “नाबालिगों के बीच सहमति से बनाए गए यौन संबंध लीगल ग्रे एरिया/ अरपरिभाषित में रहे हैं क्योंकि नाबालिग की दी गई सहमति को वैध नहीं माना जाता है”।
आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 376 (2) (एन), और के तहत दोषी ठहराया गया था। हालांकि, वरिष्ठ वकील मनोज एस मोहिते ने कहा था कि पीड़िता ने अपने बयान बदल दिए थे और सजा निलंबित करने की मांग की थी। अदालत ने बाद में पाया कि नाबालिग लड़की ने एफआईआर में दिए अपने बयान से मुकर गई थी और फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) रिपोर्ट को ट्रायल के अंत तक कोर्ट के समक्ष दायर नहीं की गई थी। 19 वर्षीय युवक की ओर से दायर याचिका के बाद गुरुवार को जस्टिस शिंदे की एकल-न्यायाधीश पीठ ने फैसला सुनाया।
जानें क्या था मामला- अभियोजन पक्ष के मुताबिक पीड़िता की दोस्त ने रेप की घटना के बारे में क्लास टीचर को बताया था। इसके बाद मार्च 2018 में टीचर ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। घटना के समय पीड़िता आरोपी कजन के घर में रह रही थी। शिकायत के बाद मेडिकल चेकअप में मेडिकल ऑफिसर को बाहरी चोट के निशान नहीं मिले थे और अदालत को पास ट्रायल के समय तक एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिली थी। पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए गए अपने बयान में भी आपसी सहमति से संबध बनाने की बात कही थी।