Kaushambi- जब सीट नंबर 06 और 07 पर बैठी थी साजिश… और एसपी राजेश कुमार की नज़र ने खोल दी लाखों की ‘बस लूट’ की गुत्थी

Kaushambi- रात की चुप्पी थी, बस का सफर जारी था। हर मुसाफ़िर अपनी मंज़िल के इंतज़ार में था… पर किसी को क्या पता था कि इस सफर में एक सीट पर व्यापारी बैठा है, तो अगली दो सीटों पर अपराध! 15 मई की रात, गुजरात का व्यापारी भावेश बारोट प्रयागराज से दिल्ली जा रहा था। सरोज लग्जरी बस की सीट नंबर 05 पर बैठा वह व्यापारी अपने हाथ में एक बैग लिए था — जिसमें रखे थे ₹5.65 लाख।लेकिन उसके ठीक पीछे की सीट पर बैठे दो अनजान चेहरे उस बैग की कीमत जान चुके थे… और उन्होंने अपना काम पहले ही तय कर लिया था।

बस रुकी… बैग छिना… और कहानी शुरू हुई

कोखराज क्षेत्र के जायसवाल होटल पर बस जैसे ही रुकी, व्यापारी नीचे उतरा। चाय का ऑर्डर दे ही रहा था कि पीछे से आया एक झपट्टा — और उसके हाथ से बैग उड़ गया।हालांकि व्यापारी की चीख और भीड़ की सतर्कता से एक लुटेरा घबरा गया, बैग छूट गया, लेकिन अपराधी फ़रार हो गए — कुछ नोटों के साथ।

लेकिन यह कहानी यहीं खत्म नहीं हुई…

जहां अपराधी खुद को तेज़ समझ रहे थे, वहीं एसपी कौशाम्बी राजेश कुमार पहले ही इस कहानी की स्क्रिप्ट पढ़ चुके थे। उन्होंने बिना समय गंवाए पिपरी, कोखराज और SOG टीमों की एक संयुक्त यूनिट बनाई।
सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल सर्विलांस, कॉल डिटेल्स और तकनीकी विश्लेषण से कुछ ही दिनों में उन दो चेहरों को उजागर कर दिया गया — नाम थे: प्रवीण सिंह देवदा, निर्मल सिंह देवदा, दोनों बनासकांठा, गुजरात के रहने वाले थे।

मामा ने लिखी थी स्क्रिप्ट, भांजे ने किया डायरेक्शन

पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। ये महज़ लूट नहीं थी — बल्कि व्यवस्थित पारिवारिक अपराध योजना थी। लुटेरे निर्मल सिंह का मामा धवल पटेल पहले से जानता था कि व्यापारी कब और किस बस से जाएगा। उसने खुद सीट नंबर 05 बुक करवाई — और भांजे को कहा कि अगली सीटें बुक कर लो, और मौका मिलते ही काम कर दो। और सच में, बस की सीट पर बैठकर लूट की पटकथा उतारी गई। लेकिन एसपी राजेश कुमार की लीडरशिप और टीम की मुस्तैदी ने इस पटकथा को अधूरी कहानी बना दिया।

पुरस्कृत हुई वो टीम, जिसने कहानी का क्लाइमेक्स बदला

इस पूरी कार्रवाई में शामिल कोखराज इंस्पेक्टर चंद्र भूषण मौर्य , पिपरी थानाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह और SOG टीम को एसपी राजेश कुमार द्वारा 25,000 का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

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