झारखंड: रामगढ़ में ‘राम’ की जमीन ही महफूज नहीं, 90 एकड़ पर भू माफिया की साजिश
रांची। झारखंड में ज़मीन का खेल जारी है. अब आलम ये है कि भगवान के नाम पर दान की गई ज़मीन भी सुरक्षित नहीं है. रामगढ़ ज़िले के गोला में ज़मीन के ऐसे ही एक बड़े खेल का पर्दाफाश करने के लिए न्यूज़18 मौके का मुआयना करते हुए तमाम जानकारियां इकट्ठी कीं. श्री श्री 108 सीता रामजी मंदिर के नाम करीब 90 एकड़ की ज़मीन पर भू माफियाओं की गिद्धदृष्टि है. सन 1908 में दान की गई इस ज़मीन को अब प्लॉटिंग कर बेचने की तैयारी चल रही है. हालांकि ग्रामीण इस ज़मीन को बचाने के लिए लामबंद तो हो रहे हैं लेकिन लड़ाई इतने ताकतवर लोगों के करोड़ों के खेल के खिलाफ है कि ज़मीन बच सकेगी या नहीं, यह सवाल खड़ा हुआ है.
रामगढ़ ज़िले के गोल प्रखंड में सीताराम मंदिर के लिए दान में दी गई ज़मीन इन दिनों अवैध कब्ज़े से बचाने को लेकर चर्चा में है. जब कोरोना की दूसरी लहर में हम सभी घरों में थे, तब इस ज़मीन पर JCB मशीन चल रही थी. एक तरफ बुनियाद के लिए गढ्ढे खुद रहे थे, तो दूसरी तरफ चहारदीवारी निर्माण के लिए पत्थर गिराए जा रहे थे. अब लड़ाई में दो पार्टियां हैं, 1908 में वसावा सिंह ने जो ज़मीन मंदिर के लिए दान की थी, उसे बेचने के लिए उनके ही लोग उतावले दिख रहे हैं, तो दूसरी तरफ मंदिर निर्माण की चाहत रखने वाले लोग ग्रामीण हल्ला बोल रहे हैं.
कितना मुश्किल है ज़मीन को बचाना?
गौ लक्ष्मी के नाम से गांव के लोग इस ज़मीन को जानते हैं. मतलब दान की हुई ज़मीन. यहां गांव के लोग गाय-बकरी चराने के लिए रोज़ आते हैं. गांव के महेंद्र महतो बताते हैं कि जिन लोगों की इस ज़मीन पर नज़र है, वो ज़मींदार रहे हैं इसलिए उनका दबदबा है. लगातार इस ज़मीन को लेकर आवाज़ उठाने वालों को धमकाया जा रहा है. सरकार और सरकारी अधिकारियों की मदद के बगैर दान की हुई ज़मीन को बचा पाना इतना आसान नहीं है.
ज़मीन बचाने विधायक भी मैदान में
गोला प्रखंड के कुसुमडीह कल्याणपुर, तिरला का मामला इस तरह है कि 90 एकड़ ज़मीन की सौदेबाज़ी पर प्लॉटिंग करके करोड़ों के वारे न्यारे करने की योजना है. लेकिन खाता संख्या 43 रकबा, करीब 90 एकड़ की इस ज़मीन का इतिहास दस्तावेज़ों में सुरक्षित है, जिसकी दानपत्र रजिस्ट्री 31 जनवरी 1908 में तैयार बताई गई है. इस मामले में रामगढ़ विधायक ममता देवी ने ज़िला कलेक्टर को ग्रामीणों का हस्ताक्षर युक्त आवेदन सौंपकर ज़मीन बचाने के लिए कदम उठाने की बात कही है.
इधर, कांग्रेस के गोला प्रखंड अध्यक्ष राम विनय महतो ने विधायक ममता देवी द्वारा जांच की मांग की पुष्टि की. इससे पहले, रामगढ़ ज़िला कलेक्टर खुद ज़मीन की जांच कर चुके हैं. उन्होंने ज़मीन का नेचर नहीं बदलने और ज़मीन माफियाओं के खिलाफ करवाई करने की बात कही थी. गौरतलब है कि ये दूसरा मौका है जब राम के नाम पर दान की गई ज़मीन पर भू माफियाओं की नज़र पड़ी है. इससे पहले मधु कोड़ा सरकार के समय एक कोशिश हुई थी.