बिहार और असम में जल तांडव , अब तक 139 की मौत, 70 लाख लोग प्रभावित

बिहार और असम में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है. बिहार के 8 जिलों में सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए हैं. वहीं, असम में 2633 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. लोगों को बिना बिजली और पीने के पानी के 24 घंटे सांप और खतरनाक जानवरों के बीच रहना पड़ रहा है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के बाढ़ पीड़ित परिवारों की आर्थिक मदद के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम का ऐलान किया है। हर पीड़ित परिवार को राज्य सरकार 6-6 हजार रुपये देगी जो सीधे उनके खाते में जाएगी। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के सांसदों के एक प्रतिनिधि मंडल को बाढ़ राहत के लिए केंद्र की तरफ से हर मुमकिन मदद का भरोसा दिया है।


बिहार के 8 जिलों में तबाही


गोपालगंज में गंडक नदी तबाही लेकर आई है. यहां पक्के मकान डूब गए, झोपड़ियां बह गई हैं. यहां सदर और मांझागढ़ प्रखंड के कई गांवों में लोग पीने के पानी और दवा को तरस रहे हैं. खगड़िया के किसानों की मेहनत पानी में बह गई. खून-पसीने की कमाई आंखों के सामने डूबने लगी. धान और मूंग की फसल जलमग्न हो गई. कोसी नदी ने सबकुछ चौपट कर दिया.
सुपौल में कोसी नदी के साथ-साथ नेपाल से बहकर आनेवाली तिलयुगा नदी भी आखें दिखाने लगी है. सड़कें पानी में बह गई हैं. सैलाब से बिहार के 8 जिलों में तबाही मची है. दरभंगा, खगड़िया, सीतामढ़ी, मुंगेर, छपरा, मधुबनी, मधेपुरा और मुज़फ्फरपुर में सबकुछ जलमग्न है.
मानसून आते ही बिहार की नदियां अपनी सीमाएं तोड़ने लगती है क्योंकि इनको सीमा में रखने के लिए प्रशासन का इंतजाम कभी होता ही नहीं. नेपाल में भारी बारिश की वजह से दरभंगा में बागमती नदी उफान पर है. बाढ़ के पानी से दरभंगा का कुशेश्वर स्थान का इलाका समंदर बन गया. वहीं कमला बलान नदी भी रौद्र रूप दिखा रही है.


असम के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित


असम के 25 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिन जिलों में बाढ़ ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है, वो हैं, ढेमाजी, लखीमपुर, नलबाड़ी, बारपेटा, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, गोपाल पारा, कामरूप, मोरीगांव, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया. कांजीरंगा नेशनल पार्क से निकलकर हाथी और गैंडे हाईवे पर आ गए.


असम में राहत कार्य में उतरी है सेना


पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ से हालत बहुत खराब है। राज्य के 33 जिलों में से 27 जिले बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं। सूबे में 1.79 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि डूबी हुई है। गैंडों का करीब 90 प्रतिशत वास स्थान पानी में डूबा हुआ है। लोअर असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना के जवान 11 जून 2019 से ही बड़े पैमाने पर बाढ़ राहत अभियान चला रहे हैं। पिछले 6 दिनों में सेना ने 488 लोगों की जान बचाई है, जबकि 450 लोगों तक राहत पहुंचाई है।


पीएम ने हरसंभव केंद्रीय मदद का दिया भरोसा


शुक्रवार के असम के 10 बीजेपी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और बाढ़ के हालात की जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने इस संकट से निपटने के लिए पीएम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें राज्य की हरसंभव मदद का भरोसा दिया है।

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