शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए शुरू की शंखनाद रैली
लखनऊ। पुरानी पेंशन बहाली को लेकर जोर शोर से मांग उठना शुरू हो गयी है। रविवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के आवाह्न पर हजारों की संख्या में शिक्षक इको गार्डेन पहुंचे। इस दौरान रैली को संबोधित करते हुए मंच के प्रदेश अध्यक्ष विजय बन्धु ने कहा कि जब किसान बिल किसानों के हित को समझते हुए वापस किए गए तो पुरानी पेंशन बहाली क्यों नहीं।
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए पूरी तरह फ्लॉप साबित हुई है। इसलिए सरकार को इसे वापस कर पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी चाहिए। पीडब्ल्यूडी एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भारत सिंह ने कहा प्रदेश ही नहीं पूरे देश में नई पेंशन योजना से रिटायर्ड कर्मचारियों के परिवार में आर्थिक संकट आ गया है। पेंशन शंखनाद रैली में देश भर से आये हुए एनएमओपीएस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा प्रदेश भर के कर्मचारी, शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी रैली को संबोधित किया।
लखनऊ विश्वविद्यालय के संबंद्ध कर्मचारी संघ भी जुटे रैली में
लखनऊ विश्वविद्यालय संबंद्ध महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय व उप्र लेखपाल संघ के उपाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है और यह हक मिलना ही चाहिए। लखनऊ विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश यादव व बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के महेंद्र सिंह ने कहा कि अटेवा द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के किए जा रहे प्रयास सराहनीय है। पुरानी पेंशन बहाल होकर रहेगी।
पेंशन कर्मचारियों की बढ़ापे की लाठी
चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार और डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट संघ के संदीप बडोला ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है। जिसे सरकार को सम्मान के साथ बहाल करे। उत्तराखंड से आए जीतमणि पैलुणी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के आंदोलन को गंभीरता से लिया है और मुख्यमंत्री प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर सुना और आश्वासन दिया।
सरकार मांगों को कर रही नजरअंदाज
अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदेश मीडिया प्रभारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि रैली को प्रदेश भर से आए पदाधिकारियों ने संबोधित किया। वहीं रैली में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू ने भी संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कर्मचारियों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है। जोकि आने वाले चुनाव में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। रैली में मंच का संचालन प्रदेश महामंत्री डा. नीरजपति त्रिपाठी ने किया।