लापरवाही और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करते पुलिस कप्तान एम मुनिराज

गाजियाबाद। लायक हुसैन। हर एक परेशान व्यक्ति को इस बात की आस होती है कि पुलिस हमारी मदद करेगी, वहीं पुलिस विभाग के आला अधिकारी अगर अपने कर्तव्यों का पालन निष्ठा पूर्वक करें तो आप यह जान लीजिए कि किसी भी भी सूरत में पुलिस विभाग बदनाम नहीं हो सकता, साथ ही आपको यह भी बता दें कि बहुत कम यानि न के बराबर उच्च अधिकारी सतर्क और ईमानदार होते हैं, और इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे कि इस बक्त गाजियाबाद जिले के पुलिस कप्तान एम मुनिराज हैं और उनके काम करने का अंदाज बहुत अलग है मतलब वह लापरवाही और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करते आप यह भी जान लीजिए कि अब तक एम मुनिराज जहां-जहां पर तैनात रहे हैं वहां पर क्राइम शत-प्रतिशत कंट्रोल हुआ, अब बारी आती है गाजियाबाद की तो गाजियाबाद में बढ़ते अपराधों को लेकर सरकार और पुलिस विभाग काफी चिंतित था और इसी को देखते हुए गाजियाबाद जिले की कमान एम मुनिराज को सौंपी गई चूंकि वह हालातों पर कंट्रोल कैसे किया जाए इसकी अच्छी समझ रखते हैं और ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन भी करना वह बखूबी जानते हैं, और शायद इसी को देखते हुए हाई कमान ने गाजियाबाद जिले को एम मुनिराज के हाथों में सौंपा, खैर देर आये दुरुस्त आये वाली बात, अब ऐसे में भला क्राइम कंट्रोल कैसे नहीं होगा चूंकि जब एक बड़ा अफसर अपने कर्तव्यों का पालन करने में चूक न करें तो बाकियों की क्या मजाल जो वह सुस्ती से काम करें, अब आप समझिए जैसे ही जिले में एम मुनिराज की आमद हुई वैसे ही पुलिस विभाग तो सतर्क हुआ ही लेकिन उससे भी बड़ी बात यह है कि अपराधियों के हौंसले पस्त हो गए, और फरियादियों को ऐसा लग रहा है कि अब उनके कार्य निष्पक्ष जांच के तौर पर होंगे, दरअसल पुलिस विभाग पर लोगों को बड़ी आस होती है कि पुलिस के पास हम मदद के लिए जाएंगे तो उनकी सुनी जाएगी लेकिन कई बार सही और गलत की पहचान पुलिस भी नहीं कर पाती तब ऐसे में कहीं न कहीं चूक रहने से सच दब जाता है और झूठ की जीत हो जाती है, हालांकि हम यह नहीं कह रहे हैं कि पुलिस जानबूझकर कुछ गलत करती है लेकिन हां कभी-कभी ऐसा होता है कि अनजाने में हो जाता है, और इसी कारण सच हार जाता है लेकिन अगर उच्च अधिकारी सतर्कता और समझदारी से काम करते हैं तो झूठ का पर्दाफाश जरूर होता है इसमें कोई दोराय नहीं है। इस बक्त गाजियाबाद जिले की हर सड़क पर पुलिस कर्मी आपको नजर आएंगे और बारीकी और सतर्कता के साथ चेकिंग भी करते हुए आपको दिखेंगे अब आप समझ पाएंगे कि आला अफसर सतर्क तो पूरा विभाग सतर्क, वहीं दूसरी ओर इस बक्त कप्तान साहब के पास कोई भी फरियादी अगर अपनी फरियाद लेकर आता है तो तत्काल ही उसके मामले में सुनवाई होती है, आपको बता दें कि पुलिस कप्तान मुनिराज इस बक्त काफी सख्ती से अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं, दरअसल गाजियाबाद में अपराधियों की बात की जाए या फिर किसी और मामले में किसी की शिकायत पहुंचे और वह भी कप्तान साहब के दरबार में फिर भला सुनवाई न हो ऐसा तो असंभव है, चूंकि जनहित के लिए बेहतर कार्य करने का काम करते आए हैं पुलिस कप्तान एम मुनिराज और गाजियाबाद में दस्तक देते ही अपराधों पर अंकुश लग गया, चूंकि सभी अपराधियों को इस बात का पता है कि वह इस समय बख्शे नहीं जाएंगे चूंकि सतर्क अफसरों में गिने जाने वाले मुनिराज जी जो तैनात हैं, वहीं पुलिस महकमें में भी इस बात को लेकर कानाफूसी है कि अपने कार्य में लापरवाही मत करना वर्ना… इसी को कहते हैं कि उच्च अधिकारी सतर्क होना चाहिए, आज हमने देखा कि पुलिस कप्तान साहब के समक्ष कई मामले आए और उन मामलों में बगैर देरी किए हुए जांच के आदेश कप्तान साहब ने दे दिये, पुलिस कार्यालय में इस समय कोई भी व्यक्ति अपनी पीड़ा शिकायत लेकर जाएगा तो तत्काल सुनवाई कर रहे हैं पुलिस कप्तान मुनिराज जी, वहीं इस समय शिकायत लेकर आये लोगों से वह लगातार वार्ता कर उनकी शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण करने का काम भी कर रहे हैं, साथ ही अपने अधीनस्थों को शिकायतों के समयबद्द् एंव गुणवत्तापूर्वक निस्तारण करने के लिए निर्देशित भी करने का काम कर रहे हैं।

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