बंगाल: बीजेपी का ममता सरकार के खिलाफ ‘नबन्ना अभियान’, शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में लिया गया

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. यहां बीजेपी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाल लिया है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में नबन्ना अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत बीजेपी पार्टी के तमाम कार्यकर्ता राज्य सचिवालय नबन्ना की और मार्च निकाल रहे हैं. वहीं, खबर आ रही है कि पश्चिम बंगाल पुलिस की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं से कई जगह झड़प हुई है.
वहीं, पुलिस ने भाजपा के राज्य सचिवालय तक विरोध मार्च के दौरान पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में लिया है.
पुलिस ने बीजेपी के चार कार्यकर्ताओं को पश्चिम बर्दवान जिले के पानागढ़ रेलवे स्टेशन से उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे बंगाल बीजेपी के नबन्ना सचिवालय तक मार्च की ओर जा रहे थे. रानीगंज रेलवे स्टेशन के बाहर भी बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प की खबर आ रही है. पुलिस ने पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बोलपुर रेलवे स्टेशन पर भी झड़प हुई. यहां भी पुलिस ने कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया. पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को नबन्ना चलो अभियान में हिस्सा लेने के लिए कोलकाता जाने से रोक रही है. बता दें कि पुलिस ने बीजेपी के नबान्न चलो अभियान को अनुमति नहीं दी थी.
पुलिस ने कहा कि भाजपा के ‘नबन्ना अभियान’ के मद्देनजर शहर के कई प्रमुख हिस्सों में यातायात प्रतिबंध लगा दिया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि दूसरे हुगली पुल पर भी अवरोधक लगाए गए हैं, जो महानगर को नबन्ना से जोड़ता है. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष के उत्तरी कोलकाता से मार्च का नेतृत्व करने की संभावना है, जबकि विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी संतरागाछी क्षेत्र से रैली का हिस्सा होंगे.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के उत्तरी कोलकाता में मार्च में शामिल होने की संभावना है. घोष ने कहा, ‘टीएमसी सरकार जन-विद्रोह से डरी हुई है. अगर वे हमारे विरोध मार्च को रोकने की कोशिश भी करते हैं, तो भी हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे. किसी भी अप्रिय घटना के लिए राज्य प्रशासन जिम्मेदार होगा.’ इस बीच, भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर ‘लोकतांत्रिक विरोध’ को जबरन रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

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