“नारी शक्ति वंदन अधिनियम” महिला सशक्तिकरण की दिशा में युगांतरकारी कदम

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी ने 1989 में ही संविधान संशोधन के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकाय में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित कराया था.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज लोक सभा में प्रस्तुत किया गया ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक युगांतरकारी कदम है। लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों इसकी हिमायती रही है।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1989 में पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था। यह विधेयक लोकसभा में पारित हो गया लेकिन राज्यसभा में पास नही हो सका था। 1993 में प्रधानमंत्री पी. वी. नरसिम्हा राव ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक को फिर से पेश किया। दोनो विधेयक पारित हुए और कानून बन गए। नतीजा आज पंचायतों और नगर पालिकाओं में 15 लाख से अधिक निर्वाचित महिला प्रतिनिधि हैं। आधी आबादी की इस बेहतरीन भागीदारी ने महिला सशक्तिकरण से जुड़े हमारे आत्मविश्वास को और बढ़ा दिया इसलिए महिलाओं के लिए संसद और विधानसभा में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लेकर आए, यह विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ लेकिन लोकसभा में नहीं जा सका।

राज्यसभा में पारित हुए विधायक समाप्त नहीं होते इसीलिए महिला आरक्षण विधेयक अभी भी एक्टिव है, पिछले 9 साल से लोकसभा में पारित होने की राह देख रहा है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और सी.पी.पी चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कई बार महिला आरक्षण विधायक को पारित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। इसके अलावा राहुल गांधी भी महिला आरक्षण बिल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को खत लिख चुके हैं। हाल ही में हुई कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी की बैठक में भी सर्वसम्मति से महिला आरक्षण बिल को पास कराने का प्रस्ताव पारित किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए समूची मातृशक्ति को हार्दिक बधाई देते हुए लिखा है कि देश की आधी आबादी को उनका हक देने तथा भारतीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूत व सहभागी बनाने वाला यह कालजयी निर्णय ‘विकसित भारत’ के निर्माण में बड़ी भूमिका निभाएगा। सीएम योगी ने अधिनियम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने महिलाओं को राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रही है। भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी ने 1989 में ही संविधान संशोधन के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकाय में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित कराया था, जिसे पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 पी0वी0 नरसिम्हा राव की सरकार ने 1992-93 में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर लागू किया था। आज विभिन्न वर्गो की महिलाएं इसके माध्यम से प्रधान, जिला पंचायत सदस्य एम अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख एवं मेयर बनने में सफल हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए की तत्कालीन चेयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी जी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार महिला आरक्षण लागू कराने के लिए तत्पर रही, उन्हीं के प्रयासों से 2010 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पारित हुआ था। मोदी सरकार में भी कई बार महिला आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए देश के प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश को पहली महिला मुख्यमंत्री दिया साथ ही संगठन में कई बार महिलाओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाकर प्रदेश का नेतृत्व सौंपा। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष आदि अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं को ला कर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में व्यापक कार्य किया। पंचायती राज कानून के अन्तर्गत राजीव गांधी जी ने महिलाओं को आरक्षण देकर राजनैतिक रूप से सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया। प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं की 40 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित किया था जो महिलाओं के राजनैतिक सशक्तिकरण का अद्वितीय उदाहरण है।

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