Up news-किस गलती की सजा देते हो, गर्भ में बेटियों को मार कर
Up news-साहित्यकार सुनील चौरसिया ‘सावन’ के आवास पर ग्राम अमवा बाजार थाना रामकोला जनपद कुशीनगर में ‘कवि सम्मेलन और मुशायरा’ का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह सम्मेलन दिनांक 20 सितंबर 2023 दिन बुधवार को कवि सावन की सुपुत्री सुप्रीति चौरसिया के बरही के अवसर पर आयोजित हुआ जिसमें कवियों ने बेटियों को समर्पित कविताएं प्रस्तुत कीं। वरिष्ठ कविद्वय मधुसूदन पांडेय एवं त्रिलोकी नाथ त्रिपाठी ‘चंचरिक’ की अध्यक्षता में उग्गम चौधरी ने भोजपुरी कविता सुनायी,’पुतवा घर के देवता, धिया घर के लक्ष्मी हो।’ फिरोज अश्क लक्ष्मीगंजवी के संचालन में शायर असलम निजामी ने शेर कहे, “जन्नतें चाहते हो अगर तुम, बेटियों को हंसाना पड़ेगा।
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— Ek Sandesh (@EkSandesh236986) September 21, 2023
” डॉ. बलराम राय ने ‘घरवा अंगना के बेटी उजाला हई, बेटी खुशियन के चाबी-ताला हई।।” तथा मधुसूदन पांडेय ने ‘बेटी सृष्टि सृजन हई दूध मुंहा पालनकर्ता’ प्रस्तुत कर सोहर गाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। गीतकार अश्वनी द्विवेदी के गीत ‘गोली पारे के सीख’ पर महफ़िल में तालियां गूंज उठीं। शायर फिरोज अश्क ने मंच संचालन के दौरान ‘गोरी हो या हो काली बेटियां, कहीं ईद तो कहीं दिवाली हैं बेटियां’ सुना कर वाहवाही लूटी। वरिष्ठ कवि चंचरिक ने ‘दहेज प्रथा पर चोट करते हुए ‘आगि जबले दहेज के बूती नाहीं, चैन के नींद केहू भी सूती नाहीं’ सुना कर कवि सम्मेलन को नयी ऊंचाई प्रदान की। मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य परशुराम चौरसिया रहे।
रामकेवल चौरसिया, उर्मिला देवी, प्रभुनाथ चौरसिया, पिंटू, संदीप, शैलेंद्र, कृष्ण मोहन, हरद्वार, मनोज इत्यादि श्रोताओं की उपस्थिति रही। अंत में मेजबान कवि सुनील चौरसिया ‘सावन’ ने अपने बहुचर्चित काव्य संग्रह ‘हाय री! कुमुदिनी’ में संकलित ‘किस गलती की सजा देते हो, गर्भ में बेटियों को मारकर? क्यों करते हो कलंकित मानवता को, इन्हें मौत के घाट उतार कर’ कविता सुना कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया तथा ‘बात कहें सांचे सुनील चौरसिया’ नामक सरस कविता प्रस्तुत कर कवियों एवं श्रोताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।