Rajsthan- बीकानेर में पांच-पांच सौ रुपए के नकली नोट की गड्डियां बरामद, नोट छापने की मशीन भी जब्त

Rajsthan-  लूणकरनसर पुलिस थाना क्षेत्र में पांच-पांच सौ रुपए के नकली नोट की गडि्डयां बरामद की गयी है। ये नोट एक घर में छापे जा रहे थे। पुलिस को भनक लगी तो घर पर छापा मारकर नकली नोट बरामद कर लिए। नोट छापने की मशीन भी जब्त की गई है।

थानाधिकारी गणेश कुमार ने अपने ही थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि बॉर्डर युक्त कागज के 11 बंडल (110 गडियां) तथा उक्त 11 बंडलो के उपर नीचे 500-500 रूपये का एक एक नोट (कुल असल नोट 22) बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि वेद प्रकाश पुत्र मोहनलाल जाति शर्मा उम्र 28 साल निवासी वार्ड नम्बर 12 लूनकरणसर से नोट बरामद किए गए। वेद ने पुलिस को बताया कि मैने मेरे घर में एक रंगीन प्रिंटर मशीन लगा रखी है। साथ में एक कट्टर मशीन लगा रखी है जिसके सहयोग से मैने भारतीय मुद्रा की सैप के नोट के आकार की कटिंग कर उन्हे रंगीन प्रिंटर में उस कागज की जिसकी शक्ल नोट के आकार की है। उस कटिंग किये हुए कागज की बॉर्डर (किनारे) को रंगीन प्रिंटर मशीन की सहायता में कॉपी (फोटो स्टेट) कर उन्हे नोटो की शक्ल की बॉर्डर (किनारे) तैयार कर 500-500 नोंटों की गडि्डयां तैयार कर 10 गडि्डयों का पैकेट बनाया गया। ऐसे प्रत्येक बन्डल पर पांच सौ का एक असली नोट व उस बन्डल के नीचे एक पांच सी का असली नोट लगाकर उन्हे बाजार में चलाया जा रहा था।

पचपन लाख रुपए के बंडल

पुलिस के अनुसार करीब पचपन लाख रुपए के नकली नोट छापने का प्रयास किया गया। दस-दस गड्डी के पैकेट बनाए गए हैं। ये नोट करीब तीन बैग में कुल 11 बन्डल भरे गए, जो देखने में 55 लाख रुपए के असली नोट प्रतीत होते हैं, असल में ये नकली नोट है। प्रत्येक गड्डी में बिना गिने करीबन सफेद कागज के बॉर्डर प्रिंट युक्त 100-100 नोट डाले है। प्रत्येक गड्डी 50 हजार रुपए की है। प्रत्येक बंडल 5 लाख रुपए का बताया जा रहा है। ऐसे ग्यारह बंडल यानी 55 लाख रुपए मूल्य के नोट छापे गए हैं। गिरफ्तार युवक ने बताया कि भरत सारस्वत निवासी गांव ठुकरियासर के कहने पर नोट तैयार किए गए।

बीकानेर से आगरा जाने थे नकली नोट

ये बन्डल आगरा में डिलिवरी दी जानी थी। आगरा से नोट छापने का आर्डर देने वाले कहा था कि फोन करके एनवक्त बताया जाएगा कि नोट किसे देने हैं। विनय कुमार पुत्र दलीप राम जाति विश्नोई उम्र 29 साल निवासी वार्ड नम्बर 25 लूनकरणमर का इस काम में सहयोग लिया गया था।

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