Ayodhya gang rape case: अयोध्या सामूहिक दुष्कर्म मामले में क्यों हो रही राजनीती ?

Ayodhya gang rape case: मोईद अयोध्या के भदरसा से समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष है। इनपर आरोप है की मोईद और उसके ड्राइवर राजू ने एक 13 साल की बच्ची के साथ करीब 2 महीने तक दुष्कर्म किया, और उसका अश्लील वीडियो बनाकर बच्ची को डराया धमकाया। बच्ची डरी हुई थी इसलिए उसने अपने परिजनों को इस मामले के बारे में कुछ नहीं बताया। एक दिन अचानक बच्ची के पेट दर्द शुरू हुआ, और अस्पताल ले जाने पर पता चला की बच्ची माँ बनने वाली है। डरी सहमी बच्ची ने अपने परिजनों को सबकुछ खुलकर बताया। सब जानने के बाद बच्ची की माँ न्याय की गुहार लेकर चौकी पहुंची तो पुलिस ने उसकी FIR ही नहीं लिखी।

पीड़िता की माँ का कहना है कि वो करीब 30 घंटे तक भदरसा चौकी में बैठी रही। FIR न लिखे जाने वाली बात पर एक और खुलासा हुआ कि पुलिस चौकी भी आरोपी के घर पर बनी हुई है। स्थानीय स्तर पर न्याय न मिलने के कारण बच्ची के परिजन अपनी गुहार लेकर मुख्यमंत्री के पास पहुंचे और अपनी आपबीती सुनाई, सीएम योगी ने बच्ची के परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया और त्वरित कार्रवाई भी शुरू कर दी। अयोध्या के बीकापुर विधान सभा क्षेत्र से विधायक डॉ. अमित सिंह चौहान CM योगी से पीड़ित परिवार की मुलाक़ात कराने का जरिया बने। पीड़ित परिवार की CM योगी से मुलाक़ात होने के 5 घंटे के भीतर ही ‘पूरा कलंदर’ थाना प्रभारी रतन शर्मा और भदरसा चौकी इंचार्ज अखिलेश गुप्ता को ससपेंड कर दिया गया। साथ ही आरोपी के ऊपर बुलडोज़र एक्शन भी चालू हो गया। आरोपी मोईद के अवैध बेकरी को बुलडोज़र से ढहा दिया गया इसके अलावा दूसरी बेकरी को भी सील कर दिया गए। CM योगी ने मामले को विधानसभा में भी उठाया।

मामले में सियासी पारा तब हाई हो गया जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस सन्दर्भ में ट्वीट किया, यादव ने लिखा कुकृत्य के मामले में जिन पर भी आरोप लगा है उनका DNA TEST कराकर इंसाफ़ का रास्ता निकाला जाए न कि केवल आरोप लगाकर सियासत की जाए। जो भी दोषी हो उसे क़ानून के हिसाब से पूरी सज़ा दी जाए, लेकिन अगर DNA TEST के बाद आरोप झूठे साबित हों तो सरकार के संलिप्त अधिकारियों को भी न बख्शा जाए। यही न्याय की माँग है।

अखिलेश यादव के पोस्ट का जवाब देते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा “यूपी सरकार द्वारा अयोध्या गैंगरेप केस में आरोपी के विरुद्ध की जा रही सख्त कार्रवाई उचित है, लेकिन सपा द्वारा यह कहना कि आरोपी का DNA टेस्ट होना चाहिये, इसे क्या समझा जाए। जबकि सपा को यह भी बताना चाहिए कि उनकी सरकार में ऐसे आरोपियों के खिलाफ कितने DNA टेस्ट हुए हैं।

इस मामले को लेकर DCM केशव प्रसाद मौर्या ने भी एक ट्वीट किया जिसमे उन्होंने लिखा बलात्कारियों को बचाना सपा की जन्मजात फ़ितरत है। अगर बलात्कारी मुसलमान हो तब पूरा का पूरा सैफ़ई परिवार उसे बचाने के लिए खूंटा गाड़ देता है। सपा होगी सफा। … जिसका जवाब देते हुए सपा नेता शिवपाल यादव ने एक पोस्ट करते हुए लिखा “मैं अयोध्या के घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं व साथ ही पवन पांडेय द्वारा किए गए नार्को टेस्ट की मांग का समर्थन भी करता हूं।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का भी नार्को टेस्ट होना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संवदेनशील विषयों पर घटिया राजनीति कौन कर रहा है।”

इस सारे मसले पर पुलिस ने एक और खुलासा करते हुए बताया कि सपा नेता और नगर पंचायत भदरसा के चेयरमैन रशिद खान और सपा नेता जय सिंह राणा ने अस्पताल जाकर पीड़ित के परिवार को सुलह करने और मामले को रफा दफा करने का दबाव बनाते हुए उन्हें डराया धमकाया। हालाँकि राशिद पर FIR दर्ज कर ली गई है।

Ayodhya gang rape case: also read- Sonbhadra: STF ने सोनभद्र से दो तस्कर गिरफ्तार किया, ट्रक से 1.5 करोड़ का गांजा बरामद

इसके बाद बीजेपी सरकार में मंत्री संजय निषाद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और मीडिया से बात करने के दौरान उन्हें रोते और परिवार के लिए संवेदनाये देते देखा जा सकता है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तो यहाँ तक कहा की अब टुकड़े टुकड़े गैंग के लीडर्स शांत क्यों है। साथ पूर्व कांग्रेस स्टार प्रचारक आचार्य प्रमोद ने भी राहुल गाँधी और नेताओ की शांति पर सवाल उठाये। मामले को लेकर हर तरफ जमकर राजनीती हो रही है पर ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति कहाँ तक जायज है। क्या ऐसे मौकों पर भी सब एक होकर बस पीड़ित को न्याय दिलाने के बारे में नहीं सोच सकते।

Related Articles

Back to top button