Muradabad: सपा विधायक, पूर्व मंत्री समेत 15 लोगों को सरकारी आवास खाली कराने के लिए दिया गया समय समाप्त

Muradabad: अमरोहा की नौगांवा सादात विधानसभा से समाजवादी पार्टी के विधायक मुरादाबाद निवासी समरपाल सिंह, पूर्व मंत्री रामेश्वर दयाल शर्मा समेत 15 लोगों के सरकारी आवास को खाली कराने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया है। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने रविवार को बताया कि आवासों के आवंटन में शासनादेश का उल्लंघन हुआ था। जांच के बाद आवंटन को निरस्त किया गया। सभी को नोटिस देकर आवास खाली करने के लिए कहा गया था। समय सीमा खत्म हो चुकी है। जो भी आवास खाली नहीं हुए हैं, उसे नगर निगम का प्रवर्तन दल खाली कराएगा।

नगर निगम की ओर से भेजे गए नोटिस में बताया गया था कि नियमों के तहत आवासीय और व्यावसायिक भवनों का आवंटन 15 साल से ज्यादा नहीं किया जा सकता। ऐसे में नौगावां सादात से सपा विधायक समरपाल सिंह, पूर्व मंत्री रामेश्वर दयाल शर्मा, स्व. इंद्र मोहिनी समेत 15 लोगों के आवासों का आवंटन नगर निगम ने नियमों के विरुद्ध है। सपा विधायक समरपाल सिंह को कंपनी बाग स्थित भवन संख्या-एक 16 अगस्त 1994 को किराए पर आवंटित किया गया था। शासनादेश के अनुसार आवासीय एवं व्यावसायिक भवनों का आवंटन किसी की दशा में 15 साल से अधिक नहीं किया जा सकता। इसलिए सपा विधायक को सितंबर में ही 15 दिनों के भीतर सरकारी आवास खाली करने के लिए कहा गया था।

इसी तरह कंपनी बाग के पास नगर निगम के आवासीय भवन संख्या-दो को पूर्व मंत्री एवं एमएलसी इंद्र मोहिनी को 15 जून 1979 को आवंटित किया गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी ने उन्हें यह आवास आवंटित किया था। इंद्र मोहिनी के निधन के बाद मौजूदा समय में इस आवास में विजय लक्ष्मी सक्सेना का परिवार रह रहा था। उन्हें भी नोटिस देकर आवास खाली करने के लिए कहा गया था। इसके अलावा पूर्व मंत्री रामेश्वर दयाल शर्मा के नाम पर कटघर चुंगी के पास 50 रुपये प्रतिमाह के किराए पर आवास आवंटित किया गया था। 27 सितंबर 1974 को आवंटित इस आवास का किराया हर पांच साल पर 12.5 प्रतिशत बढ़ना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए इस आवास के आवंटन को भी नियमों के विपरीत पाया गया था।

इन सभी के सरकारी आवासों के आवंटन को नगर निगम ने नियम के विरुद्ध माना था और सितंबर में ही सभी को 15 दिनों की मोहलत देकर आवास को खाली करने का नोटिस थमाया था। नोटिस मिलने के बाद कुछ आवास तो खाली कर दिए गए लेकिन अभी भी कई आवासों पर कब्जा बरकरार है। अब नगर निगम का प्रवर्तन दल इन मकानों को सख्ती के साथ खाली कराएगा। सभी आवासों पर कब्जा लेने की तैयारी पूरी हो गई है।

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निगम की जांच में कई आवंटन पाए गए थे नियम विरुद्ध

नगर निगम की जांच में राम किशन, एलडी चतुर्वेदी, सोमवीर सिंह, एलादी चतुर्वेदी, नारायण उपाध्याय, राजेश्वरी मौर्या, मोहनलाल, पूर्व विधायक दिनेश चंद्र, भगवानदास शर्मा, डॉ. गोमत, उमाकांत शर्मा, लेफ्टीनेंट कर्नल वीसी जोशी, एसए फारूकी, कनक शर्मा, डॉ. आरसी एस स्याना और दीपक मेहरा के नाम पर आवंटित आवासों को भी नियमों के विरुद्ध पाया गया था।

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